सरगुजा समय अम्बिकापुर :- सरगुजा संभाग में लागातार अपराधों की संख्या में वृद्धि होती जा रही हैं लागातार आम लोगों कों आपराधिक मामलों एवं आपराधिक घटनानो कों प्रतिदिन देखने सुनने कों मिल रहा हैँ। तमाम प्रकार की समस्याओं एवं बढ़ते आपराधिक मामलों कों कम पुलिस हर संभव प्रयास करती हैँ और कई मामलों में तत्काल सफलता हासिल हो जाती है और कई मामलों में विलम्ब से परंतु पुलिस की इस तरह की कार्यशैली से अपराधियों में ख़ौफ़ नहीं हैँ अपराधी बेखौफ होकर शहर में घूम- घूम कर अपराध कर रहे है और फिर बड़े आराम से फरार हो जा रहे हैँ।
बता दें की सरगुजा संभाग में लगातार बढ़ते अपराधों पर अंकुस न लगा पाने के कारण संभाग की आम जनता के साथ – साथ राजनेताओं फिर चाहे वह पछ में हो या विपक्ष में सबने सरगुजा संभाग में पुलिस विभाग की काफी हँसी उड़ाई गई एवं तरह – तरह के आरोप प्रत्यारोप से पुलिस विभाग के उपर कुछ पुलिस कर्मियों के कार्यशैली के वजह से विभाग कों बदनामी एवं नागरिकों के नाराजगी कों झेलना पड़ा।
इस तरह की पुलिसिया कार्यशैली से आम नागरिको में पुलिस विभाग के प्रति काफी नाराजगी का वातावरण बना हुआ था आम नागरिको के चर्चो की अगर बात करे तो इसका मुख्य कारन सरगुजा संभाग में पुलिस विभाग के तत्कालीन मुखिया की नाकामी एवं स्वयं के विभाग के ऊपर स्टाफो पर लगाम लगाने में असमर्थता नजर आना मुख्य कारण मना जा सकता हैं जिसके चर्चो से अंबिकापुर की हर चौक चौराहों से लेकर गलियों में सरगर्मी बराबर बनी रहती थी।
खैर हम बात कर रहे है सरगुजा संभाग में वर्तमान में पुलिसिया व्यवस्थओं की जिसके दम पर अभी वर्तमान पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सरगुजा ने पदभार ग्रहण कर लिया है जिसकी समयावधि लगभग 10 दिनों की हो रही होगी।
परंतु जहाँ शहर के लोगों में सरगुजा संभाग के नवनियुक्त आईजी दीपक झा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल के पदभार ग्रहण करने से आम नागरिको में काफी हर्ष का माहौल बना हुआ था जिससे शहर में चर्चा थी की अब सरगुजा में पुलिसिया व्यवस्था तगड़ी होगी और अपराधियों पर लगातार लगाम कसते हुए आरोपियों के आतंक से भयभीत सरगुजा को अपराधियों के बुलंद हौसलों पर लगा कर सरगुजा के नागरिकों कों अपराधियों के ख़ौफ़ से राहत मिलेगी।
परन्तु यहाँ तो तमाम मामला उल्टा ही होता नजर आ रहा है। जहाँ एक ओर पुलिस की तीसरी आँख CC टीवी कैमरा जिसमे शासन का करोड़ों रूपए खर्च हुआ हैं वह तमाम चौक चौराहों लगे खम्भो की सोभा ही बढ़ा रहे हैं उसके अलावा CC टीवी कैमरा का कोई वजूद एवं कार्य नजर नहीं आ रहा ऐसा हम नहीं सरगुजा का सिस्टम कह रहा हैं।
करोड़ों की लागत वाली CC टीवी कैमरा धूल फाकती खम्भे का बढ़ा रही सोभा :- विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में CC टीवी कैमरा लगवाने के लिए लगभग डीएमएफ मद (DMF) से 71 लाख 58 हजार एवं सरगुजा जिला खनिज संस्थान न्यास मद से 19 लाख 45 हजार रूपए की लागत से अंबिकापुर नगर निगम ने शहर के चौक, चौराहों और प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगवाया था।
लगभग करोड़ों रूपए के लागत से लगे शहर में 94 सीसीसी टीवी कैमरा में अभी वर्तमान में लगभग 32 कैमरा ही चालू हाई बाकी सब बंद पड़े हैं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में करोड़ों रूपए लागत से कैमरा लगाने का टेंडर सुरक्षा सॉल्यूशन नामक कम्पनी कों मिला था जिसकों उक्त कम्पनी द्वारा तीन वर्षो तक देख रेख के साथ – साथ मरम्मत का भी जिम्मा था लेकिन उक्त ठेकेदार के द्वारा लगाए गए कैमरे कुछ ही महीनों में दम तोड़तें नजर आने लगे एवं मरम्मत एवं सुधार कार्य के नाम पर सिर्फ आश्वासन अब उक्त ठेकेदार के हौसलें की अगर बात की जाए तो उक्त पुलिस विभाग एवं नगर निगम अंबिकापुर के अफसरों कों घुमाने एवं गुमराह करने में उक्त ठेकेदार सफल हो जा रहा हैं जिसके वजह से शहर में सुरक्षा का स्तर खत्म होता जा रहा हैं एवं पुलिस विभाग के लिए शहर में बढ़ते अपराध सरदर्द बनतें जा रहे हैं ।
शहर में सीसी टीवी कैमरा के खराब होने बाद अपराधियों कों धरपकड़ करने वाले स्पेशल टीम कों किया गया भंग:-
अंबिकापुर में में लगभग 94 सीसी टीवी कैमरा लगने एवं लगभग 56 कैमरा खराब होने के बाद पुलिस विभाग की तीसरी आँख बंद होती नजर आ रही थी जिस कमी कों पूरा करने की कोशिश शहर में कार्य करने वाली स्पेशल टीम के द्वारा किया जा रहा था अपराधों की संख्या लागातार बढ़ने एवं घटित अपराध के बाद अपराधियों के धर पकड़ के लिए स्पेशल टीम काफ़ी कारगर शाबित हुई हैं इस स्पेशल टीम के द्वारा कई गंभीर अपराधों कों अंजाम देने वाले अपराधियों का खुलासा बड़े ही निर्णायक ढंग से किया जाता फहमी हैं जिससे अपराधियों के नाकाम इरादे आम नागरिकों तक स्पेशल टीम के द्वारा खुलासा कर सामने लाया जाता हैं।
इस तरह से पुलिस विभाग में स्पेशल टीम कों भंग करने का आदेश कीस अफसर का हैं यह तो जानकारी अभी हमारी टीम कों प्राप्त नहीं हुई हैं परंतु इस तरह के आदेश से ऐसा प्रतीत होता हैं की सरगुजा में पुलिस विभाग में बाहरी दुनिया से ज्यादा राजनीति चलती हैं जिसके कारण नए अफसर आते के साथ ही मामले कों देखने सुनने से पहले इस तरह का आदेश जारी कर दिया गया।
अब देखने वाली बात यह हैं की सरगुजा में जहाँ 94 कैमरे मात्र खानापूर्ति के लिए लगे हैं जिसमे चालू मात्र लगभग 32 ही हैं के दम पर पुलिसिया व्यवस्था कैसे सुचारु रूप से संचालित होती हैं एवं उक्त CC टीवी लगाने ठेकेदार एवं सम्बंधित विभाग के अफसर के ऊपर क्या कार्यवाही होती हैं।
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