बिलासपुर। नायब तहसीलदार और भाई के साथ मारपीट तथा दुर्व्यवहार करने के आरोप में सरकंडा के थानेदार को लाइन अटैच कर दिया गया है। इस मामले में आईजी संजीव शुक्ला ने तीन दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट बिलासपुर एसपी से मांगी है। 17 नवंबर की रात हुई इस घटना के बाद कनिष्क प्रशासनिक सेवा संघ के साथ ही राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने भी थाना प्रभारी पर कार्यवाही के लिए मोर्चा खोला हुआ था। इसके लिए की को शिकायत के अलावा गृह मंत्री और राजस्व मंत्री से भी मिलकर अफसरों ने मांग की थी। हालांकि इस कार्यवाही से कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ संतुष्ट नहीं है। कनिष्क प्रशासनिक सेवा संघ ने टीआई के निलंबन और एफआईआर की मांग की हैं।
नायब तहसीलदार और भाई से मारपीट के मामले में पुलिस अधीक्षक ने एडिशनल एसपी उदयन बेहार को पहले जांच अधिकारी बनाया था। फिर त्वरित जांच के लिए एडिशनल एसपी सिटी राजेंद्र जायसवाल को भी इसमें शामिल कर लिया गया। नायब तहसीलदार और परिवार का बयान एडिशनल एसपी उदयन बेहार ने तो वही पुलिसकर्मियों का बयान एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल ने लिया। मामले में यह भी बात सामने आई कि नायब तहसीलदार जब कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे तब पुलिस में तहसीलदार के घर पहुंच गई थी जिसके चलते मैप तहसीलदार का परिवार दहशत में आ गया।
नायब तहसीलदार ने शिकायत करने पहुंचने के दौरान मीडिया को बताया कि पुलिस कर्मियों के द्वारा ही डॉक्टर को कहा गया था कि एमएलसी में सहयोग नहीं करने की बात लिख दे जोकि वास गवाहों के सामने और वीडियोग्राफी करवा कर मुलाहिजा करवाने की मांग पर अड़े थे। मुलाहिजा के लिए ले गए पुलिस वाले डॉक्टर से पुलिस के पक्ष में रिपोर्ट बनवाने की बात कह रहे थे। इसके अलावा पुलिस ने मामले में रात 1:30 बजे रात को दो साक्ष्य भी मौके पर दिखाए है। आरोप लग रहे हैं कि पुलिस ने जिसे अपने बचाव में गवाह बनाया है वह रिटायर्ड पुलिस कर्म चारी का बेटा है। पुलिस जब देर बाद घूमने की बात पर नायब तहसीलदार, उसके भाई और पिता से दुर्व्यवहार कर रही थी तो वहां पूर्व से खड़े व्यक्ति जो पुलिस का गवाह बना है उसे देर रात घूमने का कारण क्यों नहीं पूछा?
मामले में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा और गृह मंत्री विजय शर्मा से अधिकारियों ने मुलाकात कार्यवाही की मांग की। बिलासपुर कलेक्टर से भी कार्यवाही की मांग की गई थी।
जाने पूरा मामला
बस्तर जिले के करपावंड में प्रभारी तहसीलदार के पद पर पदस्थ नायब तहसीलदार पुष्पेंद्र मिश्रा ने अपनी शिकायत में बताया है कि 17 नवंबर को देर रात 1:35 पर हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन से स्टेशन में उतरने के बाद अपने भाई और पिता के साथ बाइक घर जा रहा था। वह सरकंडा में डीएलएस कॉलेज के पीछे बगदाई मंदिर के पास रहते है। तब डीएलएस हनुमान मंदिर के पास दो आरक्षकों ने उन्हें रोका। वहां अंधेरा होने की वजह से वह 5 मीटर दूर रुके। इतने में दोनों आरक्षकों ने आकर उनसे अश्लील गाली-गलौज करते हुए कहा कि जब हमने तुमसे रुकने के लिए कहा है तो तुम रुके क्यों नहीं। नायब तहसीलदार ने अपना परिचय देते हुए बताया कि आप लोगों के कहने के आधार पर ही हम लोग रुके है।
नायब तहसीलदार ने आरोप लगाया कि दोनों पुलिसकर्मी शराब के नशे में प्रतीत हो रहे थे। पिता और भाई को घर भेजने के बाद पुष्पेंद्र मिश्रा को गाड़ी में बिठाकर थाने ले आए। गाड़ी में तीन पुलिस कर्मी थे तीनों ने उन्हें धमकियां देना शुरू कर दिया। नायब तहसीलदार ने अपना परिचय देते हुए कहा कि उनसे उचित व्यवहार करें तब पुलिस कर्मियों ने कहा कि ज्यादा बड़ा मजिस्ट्रेट हो गया है तेरे जैसे को हमने ठीक कर दिया है चल तेरी मजिस्ट्रेट निकालते है। तीनों ने कोट पहन रखा था इस कारण उनका बैच में नाम नहीं देख पाए।
सरकंडा थाना लाने के बाद पुलिस वालो ने आईडी मांगा। फिजिकली आईडी नहीं होने के चलते अधिकारी ने मोबाइल पर अपना आईडी दिखाया। जिससे उन्होंने कुछ नोट किया। फिर चश्मा पहने एक पुलिस वाले ने उनसे अल्कोहल मीटर में फूंकने के लिए कहा। जिसमें दो बार फुकने पर कुछ नहीं निकला। फिर पुलिस वाले ने खुद फूंका उसके बाद फूंकने के लिए कहा। फिर उसे चेक कर धाम करते हुए और गाली देते हुए कहा कि शराब पी के आया है, ज्यादा घमंड है तुझे अभी शराब का केस बनाता हूं। फिर मुलाहिजा रिपोर्ट भरने लगे। मेरे द्वारा पढ़ने के लिए मांगने पर नहीं दिया गया। पढ़ कर सुना दो बोलने पर भी नहीं दिया गया। तब नायब तहसीलदार ने रात्रि 2:39 में सरकंडा टीआई तोपसिंह नवरंग को फोन लगाया और अपना परिचय देते हुए बिना अपराध के थाना लाने का कारण पूछा। जिस पर टीआई ने थाना आकर बताने की बात कही।
तहसीलदार ने बताया कि टीआई ने थाना आने के साथ ही उनसे गाली गलौज और दुर्व्यवहार करते रहे और उन्हें धक्का देते हुए गाड़ी में भरकर सिम्स ले जाने लगे। इसी समय उनके पिता का फोन आया तब टीआई ने फोन छीन कर जब्त करवा दिया। सिम्स में ड्यूटी में तैनात डॉक्टर को पुलिस वालो ने मेरे शराब के नशे में होने की बात कहते हुए मुलाहिजा करने को कहा। नायब तहसीलदार ने पुलिस वालों को कहा कि पहले मेरे घर वालों को बुला दो उनके सामने मुलाहिजा करना वरना आप लोग मुझे झूठे केस में फंसा दोगे। फिर एक पुलिस वाले को नायब तहसीलदार के पास खड़े कर दो पुलिस वाले अंदर चले गए और डॉक्टर से बात की। फिर बिना मुलाहिजा करवाए सिम्स ले आए।
तहसीलदार ने आरोप लगाया कि भाई से भी टीआई ने गाली गलौज की। भाई ने कहा कि हम लोग सभ्य परिवार से हैं,अपराधी नहीं है। बिना गलती के आप लोग थाने में बैठा कर रखे है। भाई ने रात 3.23 मिनट में बिलासपुर कलेक्टर साहब को फोन कर इसकी जानकारी दी। कलेक्टर ने टीआई से बात कराने के लिए कहा। टीआई और कलेक्टर की बात हुई। फिर फोन रखने के बाद टीआई ने कहा कि मेरे अधिकारी एसपी हैं। मैं सिर्फ ही कहना मानूंगा। नायब तहसीलदार ने इसकी शिकायत डीजीपी,आईजी,एसपी से कर कार्यवाही की मांग की है।
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