सरगुजा समय अंबिकापुर :- छत्तीसगढ़ में लम्बे समय से एक मांग थी की छत्तीसगढ़ का मुखिया मतलब की मुख्यमंत्री पद पर सरगुजा का आदिवासी नेता हो जिससे सरगुजा का चहुमुखी विकास हो और लागातार सरगुजा के आदिवासी भाइयों के सामने लागातार नौकरी के साथ -साथ कई और विकास के अवसर भी प्राप्त हो सके परन्तु सरगुजा में अब यह दुर्भाग्य पूर्ण बात हो गई है की जिस सरगुजा से 14 के 14 विधायक विजय रथ पर बैठ विधानसभा में पहुंच गए उस सरगुजा कों अब गर्त में डालने का कार्य किया जा रहा है जिससे यहाँ की आम जनता अत्यंत निराश नजर आ रही है।
जानकारी के लिए बता दें की 15 साल भाजपा के शासन काल के बाद भाजपा पार्टी के दिग्गज- दिग्गज नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं तक से दुरी बना ली थी और उसके बाद तों इनका आम नागरिकों से दुरी होना लाजमी भी था जिससे नाराज छत्तीसगढ़ की आम जनता ने भाजपा कों सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया। उसके बाद कांग्रेस की सरकार ने 5 साल में ही आम जनता का जीना हराम कर दिया जिसका सबसे बड़ा कारण मुख्यमंत्री की कुर्सी रही मुख्यमंत्री की कुर्सी के छिना- छीनी में आम जनता परेशान होती रही और कांग्रेस पार्टी के चुनाव के समय में किये कई वादे अधूरे रहा गए जिसके कारण मात्र 5 साल में कांग्रेस पार्टी कों सत्ता से दूर होना पड़ा अब विगत एक वर्षो से छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है परन्तु आम नागरिकों का वहीं पुराना शिकायत है की कांग्रेस पार्टी के 5 साल के निक्क्मे पन से नाराजगी व्यक्त कर भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ में आम जनता ने अपने महत्वपूर्ण मताधिकार का प्रयोग कर के लाया गया, परन्तु सत्ता में आने के विगत एक वर्ष बाद भी सरगुजा की मासूम जनता कों ठगा जा रहा है किसी प्रकार की कोई विकास नहीं मात्र बड़े – बड़े आश्वासन और जनता कों गुमराह किया जा रहा है ऐसे आरोप अभी सरगुजा के विधायक सांसद पर आम जनता ही लगा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें की भाजपा के कुछ विधायक से नागरिकों की नाराजगी मात्र एक साल में ही इतनी बढ़ गई है की अब सम्बंधित विधायकों के लापता होने का बैनर पोस्टर भी लगने लगा है तों क्या इस तरह के विधायकों के इसी तरह के व्यवहार के दम पर भाजपा आने वाले समय में निकाय चुनाव और पंचायती चुनाव जीतने का हुंकार भरेगी ?
जानकारी के लिए बता दें की आम नागरिकों में सबसे महत्वपूर्ण चर्चा यही रही है की सरगुजा में टी एस सिंह देव आम नागरिकों की समस्या से लागातार मुँह फेरते रहे उनके स्वयं के द्वारा किये गए वादों कों उन्होंने पूरा नहीं किया जिससे सरगुजा की आम जनता जो सरगुजा में टी एस सिंह देव कों महाराज मानती है उन्हें इस चुनाव में विधायक तक नहीं रहने दिया जिस नाराजगी और विरोध का लाभ वर्तमान विधायक कों मिला अब वह भी आम जनता के हित में कुछ नहीं कर पा रहे ऐसा शहर के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
जानकारी के लिए बता दें की शहर में बदहाली का स्तर अत्यंत गंभीर है किसी भी मुद्दे कों उठा लिया जाए वह मुद्दा यह शाबित कर ही देगा की सरगुजा की आम जनता बदहाली का दंस झेल रही है और विधायक सांसद कों आम नागरिकों की समस्या कों सुनने की फुर्सत ही नहीं है सरगुजा में भाजपा के विधायक और सरगुजा सांसद दोनों एक समय में टी एस सिंह के खास रह चुके है. तों क्या ऐसा माना जा सकता है की ये दोनों भी उनके ही जैसे राजा महाराजा वाले टसन में चलकर आम नागरिकों की समस्या से दुरी बना रहे है?
शहर में बदहाली का आलम यह है की आप शहर से किसी भी सड़क में निकल जाए आपको भय की स्थिति बनी रहेगी सड़कों में बड़े – बड़े गढ़े कई लोगों के मौत का कारण भी बन चुके है परन्तु इन नेता मंत्री कों किसी की मौत से क्या लेना देना है।
शहर के रिंग रोड़ की अगर बात करें तों अंबिकापुर विश्वकर्मा मंदिर से मैरिन ड्राइव तालाब के पास, खरसिया नाका से बिलासपुर रोड़ तरफ जाते समय और भी कई जगह ऐसे है जहाँ पर कई घटना घट चुके है, शहर के गाँधी चौक, बनारस चौक, पीजी कॉलेज के सामने, से लेकर सिलफीली तक सड़क का हाल बत से बत्तर हो गया है इस सड़क में ना जाने कितनो ने अपनी जान गवां दी। ठीक इसी प्रकार बंगाली चौक से लेकर रामानुजगंज तक की सड़क का हाल बेहाल है सड़क के घटिया स्थिति में हजारों लोग प्रतिदिन सफर कर रहे है जिसमे कई लोगों कों जान से हाथ धोना पड़ रहा है। इसी क्रम में अगर बात करें तों बिलासपुर रोड़ में मणिपुर थाना के आगे सड़क पर बड़ा गड्ढा उसमे भी कई लोगों की जान चली गई।इसके बाद भी सरगुजा की जनता की समस्या सुनने वाला कोई नहीं दीखता।
सरगुजा में सड़क बनवाने के लिए अनोखे – अनोखे प्रदर्शन भी किये गए आम जनता ने घटिया सड़क से त्रस्त होकर बकायादा पंडित बुलवा कर सिस्टम और सरकार के विरोध में श्राद्ध एवं पिंडदान तक कर डाले परन्तु इन नेता मंत्री के कान में जु तक नहीं रेंगी मतलब ‘भैंस के आगे बीन बजाए, भैंस खड़ी पगुराय’ के तर्ज पर आम नागरिकों के साथ इन नेताओं के द्वारा व्यवहार किया जा रहा है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा सांसद ने सड़क निर्माण का समय और आम नागरिकों से वादा किया था की बरसात के बाद जल्द ही सड़क निर्माण कार्य प्रारम्भ हो जायेगा परन्तु कोन सी बरसात निकले का वादा किया था यह समझ से परे है। अब ऐसा लगता है की आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र में चाहे सांसद हो या विधायक ये सब आदिवासी भाइयों के विकास के नाम पर में चुनाव लडते है और फिर इन्ही कों पछाड़ने का कार्य करते है ?
तों क्या खराब सड़के जान कर नहीं बनवाई जा रही? निकाय और पंचायत चुनाव में इसे बनवा कर वोट मांगा जायेगा शहर में एक चर्चा अत्यंत महत्वपूर्ण रूप से यह भी है की आम नागरिकों की परेशानी से अभी इन नेताओं कों इस लिए नहीं है क्योंकि अभी जल्द ही निकाय एवं पंचायती चुनाव होने वाले है जिस समय सड़क निर्माण करवा के अपनी वाहवाही लुटते हुए आम नागरिकों से वोट माँगा जा सकता है खैर यह तों पार्टी के नेताओं कों समझने की जरुरत है।
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