देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने क्रेडिट कार्ड उपभोक्ताओं को फिर बड़ा झटका दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई आज से उसके क्रेडिट कार्ड्स डिजिटल गेमिंग प्लेटफॉर्म/मर्चेंट से संबंधित ट्रांजैक्शन पर रिवॉर्ड पॉइंट्स नहीं देगी.
17 दिनों तक बैंकों में छुट्टी
वहीं रिजर्व बैंक ने दिसंबर के लिए बैंक में छुट्टियों की लिस्ट भी जारी कर दी है. इसके मुताबिक, दिसंबर में 17 दिन बैंकों में छु्ट्टी रहेगी. ऐसे में बैंक जाने से पहले छुट्टियों की लिस्ट जरूर देख लें.
LPG सिलेंडर के कीमतों में बदलाव
सरकार हर महीने की एक तारीख को कमर्शियल गैस से लेकर रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव करती है. अक्टूबर में गैस कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 48 रुपए की बढ़ोतरी की थी, जबकि घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया. इस बार भी सरकार गैस की कीमतों में बदलाव कर सकती है.
ट्रेसेबिलिटी नियम लागू
देश के दूरसंचार नियामक ट्राई (TRAI) ने स्कैम और फिशिंग को रोकने के लिए ओटीपी समेत कमर्शियल मैसेज के लिए नए ट्रेसेबिलिटी नियम की समय सीमा बढ़ा दी. इससे पहले यह नियम पिछले महीने 1 नवंबर से लागू होना था.
फ्री आधार अपडेट
अपने आधार कार्ड में फोटो, नाम, पता, जेंडर जैसी डिटेल अपडेट करवाना चाहते हैं तो 14 दिसंबर तक ही फ्री में करा सकते हैं. इसके बाद अपडेट कराने के लिए चार्ज देना होगा. अगर आप आधार में कोई अपडेट कराना चाहते हैं तो इसका फायदा उठा सकते हैं. इसके लिए आपको माय आधार पोर्टल पर जाना होगा. साथ ही आधार कार्ड अपडेट करने के लिए वोटर आईडी, राशन कार्ड, एड्रेस प्रूफ, पासपोर्ट जैसे डॉक्यूमेंट की जरूरत भी पड़ेगी.
मालदीव की यात्रा महंगी
वहीं इस महीने से मालदीव की यात्रा भी महंगी हो जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इकोनॉमी क्लास के यात्रियों के लिए शुल्क 30 डॉलर (2532 रुपए) से बढ़कर 50 डॉलर (4220 रुपए) हो जाएगा. वहीं बिजनेस क्लास के लिए 60 डॉलर (5064 रुपए) की जगह 120 डॉलर (10129 रुपए) देने पड़ेंगे. प्रथम श्रेणी के यात्रियों को 90 डॉलर (7597 रुपए) की जगह 240 डॉलर (20257 रुपए) देने होंगे.
केंद्र सरकार की तरफ से हेल्थकेयर बीमा और अस्पतालों में इलाज की कीमत को ज्यादा पारदर्शी बनाने की कवायद शुरू की है. इसके लिए अस्पतालों और इंश्योरेंस कंपनियों को लागत का अनुमान देने वाले स्टैंडर्ड टेंपलेट्स पेश करने होंगे. इससे मरीज के लिए अपने बीमा खर्च और इलाज का खर्च जानने में ज्यादा पारदर्शिता मिलेगी और मेडिकल केयर फील्ड में वित्तीय अनिश्चितता की स्थिति खत्म होगी. ये नियम भी पहली दिसंबर से लागू हो रहे हैं.