सरगुजा समय अंबिकापुर :- अंबिकापुर की मासूम भोली- भाली जनता जो बड़ी जल्दी किसी के बहकावे एवं बड़े -बड़े प्रलोभन में आ जाती हैं और उस पर आँख बंद कर भरोसा कर बैठती हैं और अंत- अंत तक अपने आपको ठगा महसूस करती हैं जिसमे लागातार बड़ी- बड़ी राजनीतिक पार्टियां अक्सर बाजी मार लें जाती हैं।
इसी क्रम में अगर हम बात करें तों राजनीतिक समीकरण की जिसमे नगर निगम अंबिकापुर के महापौर के कुर्सी की जिसमे लागातार विगत 10 वर्षो से कांग्रेस का राज था जिस कांग्रेस पार्टी के ऊपर भरोसा जताते हुए अंबिकापुर की जनता ने कांग्रेस के महापौर प्रत्यासी डॉ अजय तिर्की कों महापौर की गद्दी का सरताज बना दिया अब वहीं महापौर आम नागरिकों कों बता रहे हैं की कुछ कारणों से काम नहीं हो पाने का मलाल उन्हें हैं जिससे यह प्रतीत होता हैं की तत्कालीन महापौर डॉ अजय तिर्की जोकि आम नागरिकों के सामने यह कबूल कर रहे हैं की उनके महापौर रहते हुए आम नागरिकों कों काम कों लेकर मायूस होना पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार शहर में जो चर्चाओं का दौर लागातार बना रहा उसमे यह था की डॉ अजय तिर्की की साफ सुथरी एवं सरल मृदुभाषी स्वभावके हैं जिसका लाभ जम कर कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं ने उठा डाला सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉक्टरी छोड़ अजय तिर्की ने राजनीती में अपना भाग्य आजमाया जिसके बाद अंबिकापुर नगर निगम में बतौर महापौर के पद कों जनता के आशीर्वाद से पा गए परंतु जनता से मिलें आशीर्वाद का गलत मतलब निकलते हुए अपने जीत का श्रेय कांग्रेस के दिग्गज नेताओं कों समझ लिया जिसके बाद से डॉ तिर्की ने स्वयं के बुद्धि विवेक से कार्य ना करते हुए पार्टी के आला कमान के इसारो में नाचना प्रारम्भ कर दिया जिसके कारण से अंबिकापुर नगर निगम में विकास के जगह विनाश होना प्रारम्भ हो गया।
शहर की जनता लगातार पानी सड़क नाली बिजली आवारा जानवरों से होने वाली बड़ी समस्याओं से निजात पाने के लिए गुहार लगाते रह गई लेकिन निगम की जनता कों कुछ राहत नहीं मिला शहर में जगह जगह गन्दगी का अम्बार, सड़को पर आवारा जानवरों का विचरण, सड़को का खस्ताहाल, पानी की घोर समस्या जैसी गंभीर परेशानियों से निजात दिलाने में महापौर डॉ अजय तिर्की असफल नजर आए उसका मुख्य कारण यह भी माना जा सकता हैं की उक्त महापौर की कुर्सी पर बैठें तों अजय तिर्की ही थे परंतु उन्हें कठपूतली की तरह नचा की और रहा था जिसका खामियाजा आम नागरिकों कों दस वर्षो तक भोगना पड़ा।
सोसल मीडिया में एक वीडियों वायरल हो रहा हैं जिसमे सरगुजा कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह देव के द्वारा एक बयान दिया गया जिसमे डॉ अजय तिर्की के चेहरे पर चुनाव ना लड़ कर अब नए चेहरे की तलाश की जा रही हैं मतलब की इससे ऐसा माना जा सकता हैं की अजय तिर्की वह फूल हो गए जिसका सारा रस भौरा पी कर उड़ जाता हैं और वह फूल बेरस वाला फूल रहा जाता हैं।
मतलब अब यह माना जा सकता हैं की अजय तिर्की की साफ सुथरी सरल स्वभाव वाली छबि का जितना लाभ कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं कों लेना था वह मिल गया अब डॉ तिर्की में वह बात नहीं रही जिसका लाभ नगर निगम चुनाव में पार्टी उठा सके इस लिए टी एस सिंह नए चेहरे की तलाश में हैं और डॉ तिर्की मासूम जनता के काम कों नहीं कर पाने का मलाल होने की बात कह रहे हैं।
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