अम्बिकापुरछत्तीसगढ़

कृषि विभाग के घूसखोर अधिकारी पर आला अफसर की मेहरबानी, दुकानदारों से रंगदारी वाले हिसाब से पैसा उगाही..

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शुभांकुर पाण्डेय सरगुजा समय अम्बिकापुर :- अंबिकापुर कृषि विभाग के कृषि विस्तार अधिकारी एवं उनके एक दलाल के कारनामें शहर के गली गली में घूरखोर अधिकारी के नाम से गूंज रहे हैं.

मिली जानकारी के अनुसार ये दोनों शहर के तमाम दुकानदारों को जबरजस्ती सैम्पल जाँच लाइसेंस रद्द कराने की धमकी देने के साथ साथ सैम्पल जाँच एवं जेल को हवा खिलाने की धमकी देते हुए जम कर उगाही कर रहे हैं जिससे शहर के दुकानदार अत्यंत रूप से परेशान हैं जिस हिसाब से इनके द्वारा रकम उगाही की जा रही हैं उस हिसाब से यह लगता ही नहीं की ये अधिकारी हैं इनकी उगाही के हिसाब से यह वसूली भाई ज्यादा लगते हैं.

आपको बता दें की अंबिकापुर शहर में स्थित समस्त फर्टीलाइजर की दुकानों में इस अफसर का आतंक काफ़ी मात्रा में फैला हुआ हैं इस ऑफिसर एवं इसके ऊपर इसके आला अफसर जिसके सह पर जम कर बेखौफ रूप से रकम उगाही किया जा रहा हैं उससे यह लगता हैं की इन दोनों को कार्यवाही होने का तनिक भी भय नहीं हैं या फिर यह माना जा सकता हैं की कृषि विकास अधिकारी विनायक पाण्डेय एवं उप संचालक कृषि पीताम्बर सिंह दीवान ये दोनों को अपने आला अफसर का तनिक भी ख़ौफ़ नहीं हैं ये तमाम नियम क़ानून की धज्जियाँ धड़ल्ले से उड़ा रहे हैं या फिर यह कहाँ जाये की अपने आला अफसर को अपने चरणों की धूल समझते हैं.

मिली जानकारी के अनुसार कृषि विस्तार अधिकारी विनायक पाण्डेय हैं बड़े ईमानदारी पूर्वक घुस के पैसे को अपने हाथ लेने के जगह पैसे को अपने गाड़ी के डिक्की में रखने देने को कहते हैं.

पैसा देने वाला लाचार दूकानदार इनके धमकी चमकी जिन्हे दुकान बंद करा एवं लाइसेंस निरस्त करने एवं जेल भिजवा देने की बात कहते हुए पैसा का डिमांड करटे हैं वह भयभीत मन से इनके हर आदेश का पालन बड़े आसानी से करता हैं.

साहब की बात माने तो साहब अकेले घुस का पैसा नहीं लेटे हैं इनके कहे अनुसार साहब के आला साहब उप संचालक कृषि पीताम्बर सिंह दीवान का भी हिस्सा रहता हैं जिसकी वजह से दीवान साहब का प्यार एवं मेहरबानी पाण्डेय साहब पर जम कर बरसाई जाती हैं.

अजब गजब विडम्बना हैं की उप संचालक कृषि से जब इस तरह से अवैध उगाही के बारे में पूछा गया तो साहब ने पहले यह कहा की सम्बंधित को हटा दिया गया हैं आरोप गलत हैं उसने कोई उगाही नहीं की उसके बाद जब साहब से यह पूछा गया की सर जब उसने उगाही नहीं की तो किस आरोप में हटा दिया गया तो दीवान साहब ने बड़े आसानी से हड़बडाहट में यह कह दिया की सम्बंधित को मै जानता ही नहीं हूँ की वह कोन हैं मतलब की अपने ही स्टॉफ की साहब नहीं पहचानते।

हमारी टीम इस पुरे मामले की तहकीकात में लगी हैं जल्द ही इन महाशय कर घूसखोरी वाले वीडियो को आप सभी के समस्त समस्त प्रस्तुत किया जायेगा।

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