शुभांकुर पाण्डेय सरगुजा समय अंबिकापुर :- कहने कों तों सरगुजा संभाग का एक मात्र मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर ही स्थित हैं जहाँ दूर – दूर से मासूम ग्रामीण बढ़िया ईलाज की आश लिए यहाँ आते हैं परन्तु यहाँ उन्हें तगड़ी निराशा मिलती हैं अधिकांश देखा जा रहा हैं की मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में यहाँ के स्टॉफ और डॉक्टरों की घोर लापरवाही के कारण माशूम गरीब मरीजों कों अपने जान से हाथ धोना पड़ रहा हैं उसके बाद मृतक के परिजन सिर्फ हो हल्ला तक ही सिमित रह जाते हैं और जवाबदार अधिकारी मात्र जाँच का आश्वासन देकर मामले कों ठंडा करने में लगे रहते हैं और कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करते हुए तमाम मामले में लीपापोती करते नजर आते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें की मेडिकल कॉलेज अस्पताल यहाँ के जवाबदार अधकारियों के लिए कमीशनखोरी का सबसे बड़ा हब बनता नजर आ रहा हैं यहाँ के हालात यह हैं की कमीशन दीजिये और किसी भी कार्य कों फ़ाइनल करवा लीजिये यह हम नहीं कह रहे यहाँ के बद से बत्तर हालात पुरे मामले कों चीख – चीख कर बयां कर रहे हैं परन्तु यहाँ के अफसरों के काले करनामों की सुध लेने कों कोई तैयार ही नहीं हैं.
मामला चाहे पूर्व में कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे टी एस सिंह के समय का हो या फिर भाजपा सरकार में वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का हो सबका हाल वहीं हैं सरगुजा संभाग में सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दर्जा प्राप्त यह अस्पताल सिर्फ और सिर्फ लोगों के जान के साथ खिलवाड़ करता दिख रहा हैं और यहाँ के अधिकारी कमीशन रूपी मलाई खाने में लिप्त हैं।
देखें पूरा वीडियों
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बता दें की हाल फिलहाल जो फाल सीलिंग महिला सर्जिकल वार्ड में गिरा हैं वह बहुत बड़ा हादसा हो सकता था परन्तु उस फाल सीलिंग के गिरने की वजह क्या हैं क्यों जिस जर्ज़र भवन में छत का प्लास्टर ही सही से नहीं टिक पा रहा जो जिस छत का जगह – जगह मलबा लागातार वार्ड के अंदर एवं अस्पताल गालियारे से लेकर हर तरफ गिरता हुआ पूर्व में ही देखा जा चूका हैं उसके बाद भी उस जर्ज़र भवन के सीलिंग में फॉल सीलिंग क्यों लगवाया गया मतलब वहीं वाली कहावत हैं की अगर कमीशन मिले तों यहाँ के अफसर से लेकर मंत्री तक मुर्दा कों भी सेहरा बांध बारात में नचवां देंगे।
जिस हिसाब से हॉस्पिटल के हालात हैं उससे यह लगता हैं की गाँव में बने कच्चे के माकान भी इस बिल्डिंग से लाख गुना बेहतर ही होगा लेकिन जिस हिसाब से बरसात का पानी पुरे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भरता दिख रहा हैं उससे यह माना जा सकता हैं की यहाँ मासूम मरीज आते तों अपना ईलाज करवाने हैं परन्तु इनकी जान पर आफत बन जाती हैं जिसमे कई मरीजों कों अपने जान से हाथ भी धोना पड़ जाता हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें की सरगुजा जिले में हो रही लगातार बारिश के बीच अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एक बार फिर पोल खुल गई है। लगातार बारिश की वजह से अस्पताल के छतों से पानी टपक रहा है। अस्पताल के वार्ड का फॉल सीलिंग गिरने से मरीज एवं मरीज के परिजन बाल – बाल बच गए।
दरसअल अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही या नर्सों की लापरवाही करने का मामला पुराना हुआ ही नहीं है कि अस्पताल में दूसरी समस्या आन पड़ी। जहां लगातार बारिश की वजह से अस्पताल के छत से वार्डों में पानी धार लिए हुए टपक रहा है।
जिसकी वजह से वार्ड के फॉल सीलिंग गिरने से अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। गनीमत यह रही कि जिस बेड के नीचे का फॉल सीलिंग गिरा वहा कोई मरीज नहीं था। ऐसे में बड़ा हादसा टल गया।
वही इस मामले को लेकर कमीशनखोर अस्पताल प्रबंधन सामने नहीं आ रहा है ना ही कोई इस बारे में बात करने को तैयार है। लिहाजा अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल पुराने जर्ज़र भवन का जीर्णोद्धार लगातार करके करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए बावजूद आज तक व्यवस्थाएं जस की तस बनी हुई है और अफसर एयर कंडीशन रूम में बैठ मरीजों एवं उनके परिजनों कों होने वाली समस्याओं कों देख अपना मुख मोड़ कमीशन के उम्मीद में बैठें रहते हैं कही ना कही इनके इस तरह के कृत्य से यह प्रतीत होता दिख रहा हैं की मेडिकल कॉलेज अस्पताल सम्हाल पाना इन अफसर के बस की बात नहीं हैं।
जिस हिसाब से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में करोड़ों रूपए बेमतलब पानी की तरह बहा दीया गया उससे यह बात सौ आने सच होती दिखती हैं की गोबर के कंडे में घी सधाना मतलब कंडे में कितना भी घी सधा लो कुछ होना जाना नहीं हैं ठीक उसी प्रकार अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल का हाल हैं यहाँ के दलाल रूपी अधिकारी अपने निजी स्वार्थ और कमीशन के मोटी रकम वसूलने के चक्कर में मरीजों कों मौत के मुँह में डालने से भी ओचे नहीं हटते.
मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में डॉक्टर रमेश आर्या सयुंक्त संचालक एवं अधिक्षक मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर ये अफसर इस विभाग में एक कोढ की तरह कार्य कर रहे हैं इनकी विभाग में डॉक्टरों एवं अन्य स्टॉफ में लगाम लगा पाने एवं अन्य कार्यवाही कराने की छमता नहीं दिखटी हैं जिस कारण अस्पताल में लागातार लापरवाही के कारण मरीजों के मौत की खबर सामने आ रही हैं। यह अधिकारी विभाग में दिमक का कार्य कर रहे हैं जो पुरे सिस्टम कों दीमक की तरह पुरे जोर सोर से तेजी से खत्म कर रहे हैं और यहाँ की तमाम व्यवस्थाओ कों मटियामेटे करने में तुले हुए हैं.
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री कों जनहित एवं मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले ये दोनों अधिकारीयों की यहाँ से चट्टी करते हुए मरीजों के हित में काम करने वाले अधिकारीयों कों यहाँ पोस्टिंग करना चाहिए जो अपना नहीं मरीजों का स्वार्थ देखें इस तरह के फैसले लेने में तनिक भी विलम्ब करने की जरुरत नहीं होनी चाहिए जहाँ अभी दस दिनों में प्रबंधन और डॉक्टर की लापरवाही से मरीजों के मौत की संख्या दो हैं वहां पर विराम लगे ना की मासूम मरीजों की मौत संख्या बढ़ती रहे।
अब किसके सह यह घटिया कार्य मात्र कमीशन के लिए कराया गया यह तों जाँच के पश्चात् ही पता चल पायेगा।
https://youtu.be/4MXkbSQ_7xc?si=aQotrZ9vGoht37wX
अगर आप भी रहना चाहते है अपने आस पास की खबरों से अपडेट तो सरगुजा समय ग्रुप में नीचे दिए लिंक में क्लिक कर के जुड़ सकते है👇👇
Follow this link to join my WhatsApp group: https://chat.whatsapp.com/IlmiehDSy3DJVTK5Zl1dnL
सरगुजा समय के यूट्यूब चैनल से जुड़ने के लिए निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: https://youtube.com/@user-kf7nt6iw7z
सरगुजा समय के डेलीहंट प्रोफ़ाइल में ज्वाइन कर के तत्काल सभी खबरों से रहे अपडेट: https://profile.dailyhunt.in/shubhan1804697051650
सरगुजा समय के व्हाट्सप्प चैनल से जुड़ने के लिए: https://whatsapp.com/channel/0029VaXyfh93QxS44HIwSq0z