रायपुर : देवउठनी एकादशी के साथ ही साल 2024 के अंतिम महीनों में विवाह जैसे मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाएगा। इस बार देवउठनी एकादशी का पर्व 12 नवंबर को विशेष योगों – रवि योग, हर्षण योग और सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जा रहा है। इसके तहत भगवान विष्णु को चार माह की निंद्रा से जगाया जाएगा और माता तुलसी तथा सालिग्राम का विवाह भी संपन्न होगा। इसी के साथ विवाह के लिए शुभ मुहूर्त भी शुरू हो जाएंगे।
विप्र विद्ववत परिषद के पंडित राजकुमार तिवारी के अनुसार, भगवान विष्णु की निंद्रा समाप्त होने के बाद नवंबर और दिसंबर में कई महत्वपूर्ण तिथियों पर विवाह के मुहूर्त उपलब्ध हैं। 12 नवंबर के बाद नवंबर में 22, 23, और 27 तारीख विवाह के लिए शुभ है। दिसंबर में 4, 6, 7, 12, और 14 तारीख को विवाह संस्कार के लिए बेहतरीन मुहूर्त हैं। हालांकि, 16 दिसंबर से धनुर्मास प्रारंभ हो जाएगा, जिसमें विवाह जैसे शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा।
अगर आप 2025 में विवाह की योजना बना रहे हैं, तो नए साल में 16 जनवरी से शुभ मुहूर्त पुनः आरंभ होंगे। जनवरी, फरवरी, और मार्च में विवाह के लिए कई शुभ दिन उपलब्ध होंगे, जिसमें 4, 5, 6 फरवरी और 3, 5, 6 मार्च प्रमुख हैं। विवाह की तैयारियों में जुटे जोड़ों और उनके परिवारों के लिए ये मुहूर्त अत्यंत लाभकारी साबित होंगे।
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