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सडयंत्र के तहत फर्जी तरीके से काम हासिल करने वाले ठेकेदार संतोष चौदहा पर कई धाराओं में हुआ अपराध दर्ज, झारखण्ड पुलिस पूर्व में घर कुर्की का नोटिश भी चस्पा भी कर चुकी है…


शुभांकुर पाण्डेय सरगुजा समय अम्बिकापुर. शहर के जाने माने ठेकेदार संतोष चौदहा एवं उनके फर्म में पार्टनर पारिवारिक सदस्यों पर झारखण्ड की निगाह लगभग चार पांच सालो से लागातार बनी हुई है। शहर में अपने रसूखदारी एवं ओहदे पहुंच का लोहा मनवाने वाले ठेकेदार संतोष चौदहा के फर्जीवाड़े की चोट छत्तीसगढ़ राज्य की बदनामी झारखण्ड में पड़ रही है जानकारी के लिए बता दें की संतोष चौदहा एवं उनके फर्म में पटनारों की सडयंत्र कारित करते हुए फर्जी तरीके का कृत्य करते हुए करोड़ो रूपए का टेंडर हासिल कर डाला जिसके बाद शिकायतों का दौर चालू हुवा एवं झारखण्ड में छत्तीसगढ़ के नामी ठेकेदार संतोष चौदहा एवं उनके पार्टनरों पर अपराध दर्ज कर लिया गया.

कई वर्षो से झारखण्ड पुलिस की नजर ठेकेदार चौदहा एवं उनके पार्टनरों पर लागातार बनी हुई है जिससे यह मना जा सकता है की उक्त ठेकेदार के आदत में फर्जीवाड़ा करके टेंडर हासिल करने में महारथ हासिल है। बता दें की पूर्व में फर्जीवाड़ा कर फ़रार चल रहे थें जिसमे आरोपियों को पकड़ने के लिए वर्ष 2020 में भी झारखण्ड पुलिस सरगुजा के अम्बिकापुर पहुंची थी जिसमे ठेकेदार चौदहा समेत अन्य आरोपी फरार थें जिसके पश्चात झारखण्ड पुलिस ने फर्जीवाड़ा के तीन आरोपी केदारपुर निवासी ठेकेदार संतोष चौदहा, राजू चौदहा और संध्या चौदहा के घर के बाहर कोर्ट का नोटिश चस्पा कर वापस चले गए थें।

छत्तीसगढ़ के नामी ठेकेदार संतोष चौदहा के द्वारा जिस हिसाब से झारखण्ड में फर्जीवाड़ा कर ठेका हासिल किया उसके बाद वहां इनके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया उससे यह प्रतीत होता है की उक्त ठेकेदार के द्वारा अपने कर्मभूमि एवं निवासरत सरगुजा एवं छत्तीसगढ़ की गरिमा का तनिक भी चिंता नहीं है जिसके वजह से इनके द्वारा बार बार छत्तीसगढ़ एवं सरगुजा का नाम बदनाम झारखण्ड में बार- बार किया जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार उक्त ठेकेदार संतोष चौदहा, राजू चौदहा, संध्या चौदहा के ऊपर झारखण्ड के पाटन थाना में कई धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया था जिसके बाद झारखण्ड पुलिस के द्वारा बार बार इन्हे गिरफ्तार करने के लिए दबीस देती रही परन्तु उक्त ठेकेदार झारखण्ड पुलिस के गिरफ्त से बाहर रहा जिसके वजह से उक्त ठेकेदार के हौसले बुलंद होते चले गए और अब इस तरह के फर्जी तरीके से काम लेने का सिलसिला चालू हो गया जिसके क्रम में अब पुनः झारखण्ड में डाल्टेनगंज सदर थाना मैदनीनगर में आधा दर्जन से ज्यादा धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया है।


झारखण्ड में दर्ज FIR से मिली जानकारी के अनुसार मेसेर्स एस. एस. इंफ्रास्ट्रक्चर एवं उनके तीन पार्टनर संतोष चौदहा, राजीव कुमार चौदहा एवं संध्या चौदहा पर कई धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है। बता दें की उक्त पार्टनर में संतोष चौदहा स्वयं, उनके भाई एवं संतोष चौदहा की पत्नी शामिल है।

उक्त मामला झारखंड के मेदिनीनगर थाने में संतोष चौदहा समेत तीनों पार्टनर पारिवारिक सदस्य के आधा दर्जन से ज्यादा धारा 406,420,467,468,471,506 और 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

अधिक जानकारी के लिए बता दें की उक्त दर्ज FIR श्रीमती मधु सिन्हा ने दर्ज कराई है। दर्ज एफ़आइआर में आरोप है लगाया गया है कि, संतोष चौदहा एवं उनके पार्टनर द्वारा  4 करोड़ 94 लाख 12 हजार 79 रुपए और पचहत्तर पैसे की भुगतान में बेईमानी की है।

FIR में आगे उल्लेख करते हुए बताया गया है की झारखंड के पलामू ज़िले के जिंजोई एरिगेशन स्कीम में टेंडर हासिल करने के लिए संतोष चौदहा के ओर से फ़र्जी दास्तांवेज लगाया गया , और उसी फ़र्जी दस्तावेज के आधार पर उनके द्वारा टेंडर प्राप्त कर लिया।

दर्ज FIR के अनुसार झारखंड का यह काम 35 करोड़ 18 लाख 11 हजार 422 रुपए का था और इस टेंडर में भाग लेने के लिए यह अनिवार्य शर्त थी कि टेंडर वही डालेगा जिसके पास कम से कम इसके आधी राशि का काम सिंगल वर्क पर करने का अनुभव हो जिसके बाद उक्त ठेकेदार द्वारा ऑनलाइन जमा हुए आवेदन में सडयंत्र के तहत फर्जी दस्तावेज सलग्न करने के साथ पात्रता शर्त पूरी की कर ली गई , और टेंडर प्राप्त कर लिया गया।

फाइल फोटो



दर्ज FIR में प्रार्थी श्रीमती मधु सिन्हा के द्वारा किन्ही दो अनुबंध पत्रों का भी उल्लेख किया गया है।

प्रार्थी श्रीमती सिन्हा के अनुसार यह भी तय किया गया था कि, विभाग से भुगतान होते ही दस प्रतिशत की राशि काट कर भुगतान दे दिया जाएगा। लेकिन जबकि भुगतान का समय आया तो प्रार्थी को 8 करोड़ 48 लाख 57 हजार 794 रुपए और 25 पैसे का ही भुगतान किया जबकि संतोष चौदहा को इसके अतिरिक्त 4 करोड़ 94 लाख 12 हजार लगभग का भुगतान करना था।

मेसेर्स एस एस इंफ्रास्ट्रक्चर के लागातार इस तरह के विवादित एवं फर्जीवाड़े के कारनामें झारखण्ड राज्य में आ रहे है जिसमे अपराध दर्ज भी हो रहा है जिसके पश्चात् उक्त ठेकेदार को झारखण्ड पुलिस गिरफ्तार करने छत्तीसगढ़ अंबिकापुर सरगुजा आती है जिससे यह भी मना जा सकता है उक्त ठेकेदार के द्वारा बार बार इस तरह के कृत्य से झारखण्ड में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर सरगुजा का नाम धूमिल हो रहा है उक्त फर्म के द्वारा किये जाने वाले सडयंत्र  एवं फर्जीवाड़े को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को भी इस फर्म द्वारा कराये गए तमाम कार्यों की जाँच करवानी चाहिए जिससे एक बड़ा गोल माल सामने आ सकता है ऐसा इस फर्म के पार्टनरों के कारनामो से प्रतीत होता है।