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यातायात प्रभारी की नाकामयाबी से शहर के जनता त्रस्त, शहर में बत्तर हालात में ट्रैफिक व्यवस्था

यातायात प्रभारी की नाकामयाबी से शहर के जनता त्रस्त, शहर में बत्तर हालात में ट्रैफिक व्यवस्था

 

सरगुजा समय समाचार पत्र अंबिकापुर :- अंबिकापुर की जनता लागातार शहर में घटिया यातायात व्यवस्था से हालाकान शहर में ट्रैफिक व्यस्था का आलम यह हैं की शहर की जनता अपने घर से शहर की सड़कों में निकले से ही लम्बे – लम्बे जाम में फसने के भय से ही बाहर निकलना नहीं चाहते.

शहर में यातायत प्रभारी मिस्टर इण्डिया की तरह शहर से गायब रहते हैं इनके द्वारा शहर की यातायत व्यवस्था क़ो सुचारु रूप से चला पाने में असमर्थ होते नजर आरहे हैं या फिर यह कहाँ जाये की इन्हे यातायत थाना का संचालित करने का अनुभव ही नहीं हैं लगातार शहर की जनता क़ो लचर ट्रैफिक व्यवस्था का सामना करना पड़ रहा हैं जिसको वजह से आम जनता के काम काज में अत्यंत महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा हैं.

वन वे के चक्कर में और होती हैं परेशानी ड्यूटी में तैनात जवानों करना पड़ता हैं मुश्किलों का सामना शहर में वन वे व्यवस्था जो लागु किया गया हैं जिससे की शहर की यातायत व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके परंतु इस तरह के वनवे वाले सिस्टम से शहर की आम जनता को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जिससे कि वनवे वाले इलाके में नजदीक 100, 200 मी के अंदर अगर कार्य हो तो भी शहर वासियों को अन्य मार्ग से होकर जाने की सलाह दे दी जाती है जिससे वन वे वाले रूट पर किसी का दुकान घर या फिर कुछ कार्य 100 मी के अंदर होना हो वह उसे स्थान पर जाने के लिए लगभग 2 किलोमीटर का सफर तय कर उसे स्थान पर पहुंचता है जिस शहर में ट्रैफिक और ज्यादा बढ़ जाता है.

 

अंबिकापुर शहर की सड़कों की चौड़ाई कम होने के कारण होने वाले स्थान पर जाने के लिए मना करने वाले जवान किसी वाहन स्वामी को जब तक यह समझते हैं कि यह वनवे मार्ग है और यहां से गाड़ी नहीं जा सकती है आप अन्य मार्ग से चले जाएं इस पूरे क्रियाकलाप में लगभग 10 से 15 मिनट का समय लगता है जब तक आसपास के स्थान पर जब जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है.

 

विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार तमाम प्रकार के मामलों एवं शहर की जनता की तमाम परेशानियों क़ो नजर अंदाज करते हुए यातायात प्रभारी यातायात व्यवस्था को गंभीरता से ना लेते हुए शहर से बाहर भारी वाहनों से उगाही करते नजर आ जाएंगे परंतु यातायात प्रभारी शहर की जनता को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलवाने में असफल ही माने जा सकते हैं और उगाही में नंबर 1 सूत्रों की माने तो लगभग रोजाना शासकीय यातायत थाना का वाहन जो इन्हे शहर की जनता क़ो ट्रैफिक व्यवस्था क़ो सुचारु कराने के लिए मिला हैं उस वाहन क़ो शहर से लगभग 12-15 किलोमीटर दूर इनका वाहन भारी वाहनो से चेकिंग के नाम पर उगाही करते मिल ही जायेगा.

 

जो एक प्रभार क़ो सही तरीके से नहीं संभाल पा रहा उसके पास दो दो प्रभार इस मामले में एक कहावत चरितार्थ करती हैं की “भगवान तेरी माया कही धूप कही छाया” कितने काबिल अफसर पुलिस लाईन में पड़े होंगे लेकिन यातायत प्रभारी महोदय का जुगाड़ तगड़ा होना प्रतीत होता हैं.

 

आज ऐसा ही नजारा कोतवाली थाना चौक के पास दिखा जहाँ सैकड़ो की संख्या में वाहन घटिया ट्रैफिक व्यस्था के कारण फसी रही जाम के कारण कितने गार्जियन अपने बच्चों क़ो स्कुल लेने आधे से एक घंटे लेट पहुंचे कितनो क़ो अपने ड्यूटी में जाने घंटो इस अनुभवहीन यातायात प्रभारी के कारण झेलना पड़ा जिस जगह जाम लगा था वहाँ तत्काल अन्य पुलिसकर्मी पहुंच कर ट्रैफिक व्यवस्था क़ो सुचारु रूप से करने में भिड़े रहे लगभग दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद यातायात व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित हो पाया.