Indore Crime : इंदौर क्राइम ब्रांच में फिर एक डिजिटल अरेस्ट का मामला फिर सामने आया है, शिकायतकर्ता सीनियर सिटीजन जो की एक निजी कंपनी में कार्यरत है, उन्होंने क्राइम ब्रांच में अपनी शिकायत दर्ज कराई है कि ठगों ने कॉल के जरिए उनके साथ 40 लाख 70 हजार रुपये का फ्रॉड कर किया है। पूरे मामले में जाँच की जा रही है।
इंदौर में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हे है, ताजा मामले में एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि एक सीनियर सिटीजन घनश्याम जी ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनको बांद्रा पुलिस थाने से फोन आया था कॉल करके वाले ने अपने आप पुलिस अधिकारी बताया और कहा कि आपके केनरा बैंक अकाउंट में 2 करोड़ 60 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है, और कैमरा बैंक के मैनेजर को हमने गिरफ्तार कर लिया है, उनके घर की तलाशी के दौरान कई पासपोर्ट मिले जिसमें आपका भी पासपोर्ट मिला है और जो पैसा आपके अकाउंट आया है जिसका 15% आपको कमीशन मिला है, ये पैसा मनीलांड्रिंग के तहत आया है और सीबीआई आपको भी गिरफ्तार करने आ रही है।
फोन करने वाले ने कहा कि हमारे अधिकारी से बात कीजिए और फिर दूसरे बदमाश ने उनको व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर गिरफ्तारी का डर दिखाकर कहा कि आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार आरबीआई का एक बैंक एकाउंट है उसमें आप पैसा ट्रांसफर कर दो यदि आपका पैसा लीगल हुआ तो आपकी रकम आपको लौटा दी जाएगी। जिसपर पीड़ित में 40 लाख 70 हजार रुपए उस एकाउंट में ट्रांसफर कर दिए बाद में पता चला कि उनके साथ फ्राड हुआ है, उनकी शिकायत पर इंदौर क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज कर जिस नंबर से कॉल आया था और किस अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हुआ है उसकी जांच शुरू कर दी है। \
क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट’?
दरअसल, ‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगों का नया तरीका है. इसमें ठग खुद को पुलिस या जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर लोगों को वीडियो कॉल करते हैं और उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाकर घर में ही मानसिक तौर पर बंधक बना लेते हैं. इस दौरान वे उन्हें डराकर पैसे ठग लेते हैं.