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शासकीय नगर पालिक निगम स्कूल चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट, सैकड़ो विद्यार्थियों के जान से खिलवाड़ करने को प्रशासन तैयार..



सरगुजा समय अंबिकापुर:- एक पुरानी कहावत हैं की हांथी के दाँत दिखाने के कुछ ओर और खाने के कुछ और ठीक ऐसा ही हाल अंबिकापुर शहर के मध्य स्थित शासकीय नगर पालिक निगम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का होता नजर आ रहा हैं.

विद्या के मंदिर तक को भी भ्रष्टाचारी नेता मंत्री प्रशासन एवं ठेकेदार नहीं छोड़ रहे मिली जानकारी के अनुसार अंबिकापुर शहर के मध्य स्थित नगर पालिका निगम उच्चतर  माध्यमिक विद्यालय की बिल्डिंग खंडहर में तब्दील होता जा रहा हैं परन्तु सम्बंधित विभाग द्वारा अपने आदत से बाज नहीं आया जा रहा हैं सरकार से मिलने वाले फंड को अपने निजी स्वार्थ के अनुसार खर्च किया जा रहा हैं.

बिल्डिंग का हाल बेहाल, हादसे का इंतजार



जानकारी के लिए बता दे कज शासकीय नगर पालिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जहां सैकड़ो मासूम विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करने आते हैं और अपने भविष्य एवं सपनों को साकार करने की मनसा पाले शिक्षा प्राप्त करते हैं, परन्तु इन मासूम विद्यार्थियों के जान के साथ खिलवाड़ करने के लिए प्रशासन तैयार है ऐसा प्रतीत होता है क्योंकि जिस भवन में इन मासूम विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान किया जा रहा हैं वह भवन खंडहर में तब्दील होता जा रहा हैं जिसे सम्बंधित विभाग द्वारा भवन को सामने से सिर्फ रंग रोगन करके ताम झाम दिखा कर आम जनता एवं माशूम बच्चों के साथ साथ उनके गार्जियन को भी गुमराह किया जा रहा हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दे की उक्त भवन को रंग रोगन एवं अन्य ताम झाम मकरके लाखों रूपए शासन का खर्च किया जाता हैं मरम्मत के नाम पर ना जाने कितने लाख खत्म कर दिए जाते हैं परन्तु उक्त भवन की हालत बत से बत्तर ही हैं इस तरह की बड़ी लापरवाही से यह स्पष्ट होता हैं की सम्बंधित विभाग को एक बड़े हादसे का इंतजार हैं उसके बाद ही इस पर विभाग के आला अफसरों का ध्यान जायेगा.

चुनाव आते ही नगर पालिक निगम स्कूल में लगभग 4-6 पोलिंग बूथ भी बनाया जाता हैं और शहर के निचले स्तर के कर्मचारियों से लेकर आला तबके के अधिकारी तक यहाँ मुआयना करने पहुंचते हैं परन्तु इस खंडहर की सुध लेने को कोई तैयार ही नहीं हैं बल्कि इस विद्यालय को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी के सामान अवैध कमाई का जरिया मान लिया गया हैं.

सामने से चमचामति बिल्डिंग की अंदरूनी सच्चाई से अगर आम आदमी एवं मासूम बच्चों के गार्जियन अवगत हो जाए तो इस मौत के मुँह में समाने वाले खंडहर से कोसों दुरी बना ले.

ग्राउंड फ्लोर एवं प्रथम तल वाले इस बिल्डिंग की अगर बात की जाए तो सामने से इस बिल्डिंग को ऐसा सजाया सवारा गया हैं की कोई भी आम आदमी इस बिल्डिंग को देख कर सम्बंधित विभाग के झांसे में आ जाए और विभाग द्वारा अपनी अवैध कमाई बिल्डिंग के नाम पर जारी रहेगा अगर इस बिल्डिंग की हकीकत जानना हैं तो उक्त बिल्डिंग के पीछे वाली गली में जा कर देखा जा सकता हैं जहाँ रंग रोगन तो बहुत दूर की बात हैं इस बिल्डिंग का खिड़की दरवाजा सब गायब हैं एवं बिल्डिंग में बड़े बड़े दरार पड़े हैं जो की यह दर्शाता हैं की विभाग इसे लेकर एकदम भी चिंतित नहीं हैं अगर इस बिल्डिंग से कभी कोई हादसा होता हैं तो सम्बंधित विभाग एवं प्रशासन हाथ मलते हुए सिर्फ अफ़सोस जताने एवं मुवाजे के खेल के अलावा कुछ नहीं कर सकता.

मिली जानकारी के अनुसार इसी खंडहरनुमा भवन में तत्कालीन कांग्रेस की सरकार के द्वारा आत्मानंद स्कूल खोल अपनी स्वयं की पीठ थपथपाने की भी योजना थी परन्तु यह सपना पूरा ना हो पाया