सरगुजा समय अंबिकापुर:- सरगुजा जिला में CMHO पी एस मार्को साहब के दम पर दर्जनों दलाल रूपी डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग को कर रहे खोखला एवं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में मासूमों की जान से कर रहे खिलवाड़ इस CMHO मार्को के आगे तमाम नियम शिथिल होते नजर आ रहे है। यह हम नहीं कह रहे यह मामला ही इस प्रकार का है सरगुजा जिला में CMHO स्वयं के दिए आदेश का पालन नहीं करवा पा रहे है और दलालरूपी डॉक्टर बेखौफ होकर मनमर्जी कर रहे है और 4 – 5 लाख रुपए हर महीने की अवैध उगाही कर रहे है।

बता दे कि सरगुजा में स्वास्थ्य विभाग में गजब का खेल चल रहा है यहां जो खुद दोषी है और नियम विरुद्ध तरीके से कार्य कर रहे है वह बड़े बड़े प्रभारी बने बैठे है और स्वयं के कारनामों को छुपाते हुए अन्य अस्पतालों का निरीक्षण बेखौफ होकर कर रहे है। और निरीक्षण के नाम पर अवैध उगाही कर रहे है जिससे यह लगता है कि CMHO सरगुजा के पाले हुए ये स्वयं के दलाल है जिनमें लाख कमियां हो पर ये जांच दल की टीम में जरूर रहेंगे और जांच के नाम पर खानापूर्ति करते हुए लाखों रुपए उगाही करने रखा गया है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि नए नवेले डॉक्टर दीपक गुप्ता आजकल निजी अस्पतालों के निरीक्षण टिम में जम कर घूम रहे है और जांच टिम का एक हिस्सा बन पैथॉलाजी की जांच कर रहे है। मगर ये महाशय जांच के नाम पर निजी अस्पताल एवं अन्य क्लिनिक में भयादोहन का कार्य बेखौफ तरीके से कर रहे है । मिली जानकारी के अनुसार ये समस्त निजी अस्पतालों एवं क्लिनिक से स्वयं के पास सैंपल भेजने का दबाव बनाया जाता है , अगर कोई अस्पताल वाला इन्हें ब्लड टेस्ट देने से मना कर देता है तो यह साहब उक्त हॉस्पिटल पर कड़ी कार्यवाही करने की धमकी तक दे डालते है। ऐसा हम नहीं इनके खुद के कारनामे बया कर रहे हैं।

मूल रूप से उदयपुर स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ डॉक्टर दीपक गुप्ता जो कि स्वयं को एमबीबीएस MD पैथोलॉजी बताते है इनके कारनामे बड़े अजीबो गरीब हैं इनके द्वारा लगभग दर्जनों हॉस्पिटल में अपने लैब में सैंपल जांच की जा रही है और जिस हॉस्पिटल से इन्हें सैंपल नहीं मिलता वहां यह सैंपल इनके पास ही भेजने का दबाव बनाते है ।
विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ दीपक गुप्ता एक डिग्री लेकर दर्जनों हॉस्पिट को अपने कब्जे में लेकर जांच रिर्पोट प्रदान कर रहे है। लेकिन इस डॉक्टर पर भी कार्यवाही करने की हिमाकत CMHO सरगुजा की नहीं हो पा रही इसका मतलब यह है कि इस तरह के तमाम प्रकार की दलाली करने वाले डॉक्टर को अवैध संरक्षण एवं पालने का कार्य CMHO ही कर रहे है।

तभी तो 19/05/2025 को स्वयं CMHO ऑफ़िस सरगुजा से जारी आदेश का पालन करवा पाने में CMHO असमर्थ नजर आ रहे है इनके ही नाक के नीचे डॉक्टर दीपक गुप्ता दर्जनों जगह अपने दलाली पूर्वक नीति से मरीजों को सिल मोहर एवं डिजिटल सिग्नेचर वाली रिपोर्ट मरीजों को प्रदान कर रहा है पर मजाल है कि उक्त डॉक्टर पर CMHO कार्यवाही कर पाए अर्थात् यह स्पष्ट है कि CMHO के स्वयं के संरक्षण में दलालरूपी डॉक्टर पल रहे है फिर चाहे वह डॉक्टर संदीप त्रिपाठी हो या फिर डॉक्टर दीपक गुप्ता इस क्रम में और कई डॉक्टर के नाम भी शामिल हो सकते है जो हम आपको बताएंगे।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस तरह से डिजिटल सिग्नेचर एवं सील मोहर के माध्यम से मरीजों को जांच रिर्पोट देने का कारनामा सिर्फ सरगुजा में CHMO पी एस मार्को के राज में ही बेधड़क रूप से चल रहा है क्योंकि हाल ही में इस तरह का मामला कोरबा जिला में आया था जहां स्वास्थ्य विभाग ने कटघोरा में बालाजी डायग्नोस्टिक सेंटर सील कर दिया था क्योंकि वह भी कई दिनों से इस सेंटर में कोई पैथोलॉजिस्ट नहीं था लेकिन मरीजों की जांच हो रही थी और उन्हें रिपोर्ट भी दी जा रही थी।

लेकिन सरगुजा में बिना पैथोलॉजी के ही निजी अस्पताल से मासूम मरीजों को डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से रिर्पोट दिया जा रहा है इस तरह के अवैध तरीके से दिए जाने वाले रिर्पोट की सत्यता पर हमेशा संदेह की स्थिति निर्मित रहेगी इस तरह की बिना पैथालॉजिस्ट के डिजिटल सिग्नेचर वाली रिपोर्ट देने से मरीजों के जान से खिलवाड़ होना माना जा सकता है। क्योंकि इस तरहबके डिजिटल सिग्नेचर तो अस्पताल एवं क्लिनिक में कार्यरत स्वीपर भी सिल मोहर लगा रिपोर्ट प्रदान कर देंगे।

अब देखने वाली बात यह है कि सरगुजा CMHO मार्को साहब की अंतरात्मा जमीर जागती है और डॉक्टर दीपक गुप्ता पर इस तरह के अवैध तरीके से जांच रिपोर्ट प्रदान करने में कड़ी कार्यवाही करते है कि लगातार उक्त डॉक्टर के द्वारा अवैध तरीके से उगाही किए हुए राशि के बंदरबाट में अपना हिस्सा ही तलाशते रहेंगे।

सबसे बड़ी विडम्बना और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के हौसले भी देखने वाली बात यह है कि वर्ष 2023 में ही संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ ने एक पत्र जारी करते हुए समस्त कलेक्टर, संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं अन्य अधिकारी को सख्त हिदायत दी थी कि किसी भी प्रकार के संलग्नीकरण एवं कार्यादेश को तत्काल प्रभाव से समाप्त संलग्नीकरण कर्मचारियों को उसके मूल पदस्थापना पर कार्य करने हेतु कार्यमुक्त करे परंतु सरगुजा में डॉक्टर दीपक गुप्ता के ऊपर शायद यह आदेश लागू नहीं होता होगा ऐसा माना जा सकता है।
सरगुजा स्वास्थ्य विभाग एवं आम नागरिकों के जान से खिलवाड़ करने एवं अपने निजी लाभ साधने के हिसाब से जांच टिम का हिस्सा बन निजी अस्पतालों एवं अन्य क्लीनिक के ऊपर भयादोहन करते हुए फर्जी तरीके से बिना हर जगह पैथोलॉजिस्ट के ही सिल मोहर एवं डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से रिपोर्ट प्रदान करने एवं अवैध धन उगाही करने के नियत से कार्य करने वाले डॉक्टर दीपक गुप्ता के कार्यशैली जांच करते हुए कठोर कार्यवाही विभाग को करने की जरूरत है।
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