• Sun. Sep 8th, 2024

टी. एस. सिंह देव के कभी करीबी एवं चहेते माने जाने वाले अंबिकापुर भाजपा प्रत्याशी राजेश अग्रवाल क्या उपमुख्यमंत्री क़ो दें पाएंगे टक्कर ….

टी. एस. सिंह देव के कभी करीबी एवं चहेते माने जाने वाले अंबिकापुर भाजपा प्रत्याशी राजेश अग्रवाल क्या उपमुख्यमंत्री क़ो दें पाएंगे टक्कर …

 

शुभांकुर पाण्डेय सरगुजा समय अंबिकापुर :– सरगुजा संभाग की विधानसभा सीट जो 14 हैं उस समस्त सीटों में पूर्व विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपना परचम लहराते हुए 14 में से 14 सीटों में विजय प्राप्त कर लिया था जिसका एक मुख्य कारण यह माना जा सकता हैं की इस तमाम सीटों में वोटरो के दिल और दिमाग़ में यह बैठा दिया गया था की थी की अगर कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में बनती हैं तो सरगुजा संभाग के अंबिकापुर विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले टी एस सिंह देव मुख्यमंत्री के कद्दावर नेता ही प्रथम प्राथमिकता रखेंगे जिसके मामले में निष्कर्ष यह निकला की 2018 के विधानसभा चुनाव में 14 की 14 सीट में कांग्रेस का बोल बाला रहा उसके पश्चात् कांग्रेस पार्टी के आला नेताओं द्वारा तमाम प्रकार की दाव पेच खेलते हुए टी एस सिंह क़ो मात्र सिर्फ लॉलीपॉप के अलावा कुछ प्रदान नहीं किया गया पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की घोषणा पत्र बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले कई विभाग के मंत्री रहने वाले टी एस सिंह देव ने सिर्फ सरगुजा की आम जनता क़ो गुमराह एवं ठगने का कार्य किया इस बात की चर्चा सरगुजा संभाग के साथ – साथ सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ की जनता के सामने हैं परन्तु कांग्रेस पार्टी क़ो छोड़ भाजपा ज्वाइन करने वाले राजेश अग्रवाल जो की कांग्रेस के दिग्गज नेता टी एस सिंह देव के अत्यंत करीबी माने जाने वालों में से एक थे भाजपा प्रत्याशी राजेश अग्रवाल क्या सच में टी एस सिंह क़ो टक्कर देने एवं कांग्रेस से चुनाव लड़ने क़ो तैयार हैं यह तो समय आने पर ही पता चल पायेगा .

विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी से जहाँ एक ओर आम जनता की तीखी नाराजगी उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह देव से कई बड़े – बड़े वादों क़ो पूरा नहीं करने और 5 साल की अपनी नाकामी खुद अपने से स्वीकार कर आम जनता क़ो बताया हैं की उनकी एक भी बात मुख्यमंत्री से लेकर शीर्ष नेताओं के द्वारा नहीं माना जा रहा जिससे नाराज होकर उन्होंने पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा भी सौप दिया था.

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व में एक मामला प्रकाश में आया था की उपमुख्यमंत्री के बंगले पर दैनिक वेतन भोगीयों ने अपने नियमिति करण करने क़ो लेकर हल्ला बोल दिया था परन्तु उपमुख्यमंत्री महोदय ने उनसे फ़ोन में बात करते हुए यह कह कर हजारों की संख्या में आये दैनिक वेतन भोगियों से अपना पल्ला झाड लिया की मुख्यमंत्री उनकी बात नहीं सुन रहे वहाँ उनका कुछ नहीं चल रहा हैं.

मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस की अनदेखी से शासकीय कर्मचारी अधिकारी भी जम कर कांग्रेस सरकार से नाराज बताये जा रहे हैं यहाँ तक की घोषणा पत्र में बेरोजगारी भत्ता का मामला भी जम कर जोरो से चला जिसका सीधा – सीधा असर पार्टी क़ो युवाओं की नाराजगी से सामना करना पड़ सकता हैं इतने तमाम मुद्दों से लेकर कई अन्य मामलो में उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह पर आम जनता का आरोप हैं की पिछले 5 साल मुख्यमंत्री बनने का सपना पाले बैठे रहे और सरगुजा की जनता से मुँह फेर सिर्फ और सिर्फ एक सूत्रीय कार्य खुद क़ो मुख्यमंत्री बनवाने रायपुर दिल्ली का चक्कर लगाते रहे और सरगुजा की आम जनता एवं छत्तीसगढ़ की भोली भाली जनता क़ो मुलभुत सुविधाओं से वंचित करने एवं ठगने का कार्य किया हैं.

 

इतने सारे तमाम मुद्दों के कारण आम जनता की नाराजगी का फायदा क्या भाजपा प्रत्यासी क़ो मिलेगा क्या भाजपा प्रत्यासी राजेश अग्रवाल एक समय में अपने आदर्श होने वाले टी एस सिंह से चुनावी जंग लड़ने क़ो तैयार हैं या फिर कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के बयान के अनुसार सिर्फ वाक ओवर देने का प्लान हैं.

जिस हिसाब से कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए राजेश अग्रवाल क़ो भाजपा ने एकदम अंत समय में अंबिकापुर विधानसभा से टिकट दें दिया उससे शुरू से भाजपा में रहे पुराने दिग्गज नेताओं की नाराजगी का सामना राजेश अग्रवाल क़ो करना पड़ सकता हैं.

शहर में आम चर्चा जोरो पर हैं की सरगुजा में भाजपा के दिग्गज नेता चुनाव प्रचार – प्रसार से एकदम से दुरी बना लिए हैं आपकी जानकारी के लिए बता दें की भाजपा जिलाध्यक्ष एवं पार्षद तक अपने मोहल्ले में प्रचार – प्रसार के लिए नहीं निकल रहे हैं मतलब की खुद के घर में अंधेरा और पडोसी के यहाँ लाइट जलाने का कार्य इनके द्वारा किया जा रहा हैं ऐसा माना जा सकता हैं.

बात करें राजेश अग्रवाल की तो उनकी छबि कैसी हैं उसके बारे में हम क्या बताये खुद एक वायरल वीडियो ने सबको बता डाला की कैसे एक महिला से अभद्रता एवं गाली गलौच और धमकी खुलेआम दें रहे थे.

सूत्रों से प्राप्त जानकारी की अगर बात करें तो भाजपा प्रत्यासी राजेश अग्रवाल प्रचार कम जगह जगह जमीन एवं उसके कीमत का आकलन करते घूम रहे हैं जिससे लोग उन्हें भाजपा प्रत्यासी कम प्रॉपर्टी डीलर ज्यादा समझ रहे हैं.

तैयार हैं या अपनी ही भाजपा पार्टी के विरोध का सामना करने से उभर पाएंगे.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरगुजा में टी एस सिंह का विरोध जम कर चल रहा हैं जिसका उदाहरण खुद लागातार उनके गढ़ माने जाने वाले मोहल्लो एवं वार्डो से निकल कर आ रहा हैं परन्तु भाजपा प्रत्याशी राजेश अग्रवाल क़ो भाजपा के गुटबाजी करने वाले नेताओं से छुटकारा मिल पायेगा जिससे वह कांग्रेस के उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह से खुल कर मुकाबला कर सके या फिर भाजपा ने खुद जानबुच कर कांग्रेस क़ो वाक ओवर दें डाला हैं जिसका आरोप रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह ने अपने एक बयान में दें डाला हैं अगर यह बात जिसका आरोप रामानुजगंज विधायक ने लगाया हैं तो उससे यह स्पस्ट होता दिख रहा हैं की भाजपा ने लेट लतीफ करके टी एस सिंह क़ो वाक ओवर दें डाला हैं जिसका आरोप कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने पूर्व में ही अपने बयान में दें डाला हैं.

अपने आप को मुख्यमंत्री के रूप में देखने वाले टी एस सिंह देव को उनके ही पार्टी के विधायक बृहस्पति सिंह ने करारा जवाब देते हुए यह आरोप लगाया कि भाजपा से उनकी सेटिंग हो रखी है जिस वजह से रामानुजगंज में डमी कैंडिडेट डॉ अजय तिर्की को रामानुजगंज विधानसभा से चुनाव लड़वाने का फैसला टी एस सिंह देव के सह पर लिया गया जिससे कि भाजपा प्रत्याशी राम विचार नेताम अत्यधिक बहुमत से विजय प्राप्त हो सके ठीक उसी प्रकार सरगुजा से टी एस सिंह देव को जीतने के लिए राजेश अग्रवाल को डमी कैंडिडेट के स्वरूप पर सौपा गया जिससे सरगुजा में टी एस सिंह देव जीत हासिल कर पाए क्योंकि भाजपा प्रत्याशी राजेश अग्रवाल कांग्रेस पार्टी एवं टी एस सिंह देव के बहुत ही करीबी एवं चहते माने जाते हैं जिस कारण से भाजपा के तमाम दिग्गज नेता राजेश अग्रवाल से दूरियां बनाते दिख रहे हैं.

इसका एक कारण यही माना जा सकता कि जो पूर्व में शुरू से लेकर अभी तक भाजपा के साथ खड़े थे उन्हें दरकिनार कर उच्च नेताओं द्वारा कांग्रेस से भाजपा में आये राजेश अग्रवाल को टिकट प्रदान किया गया जिस मामले को लेकर कहीं ना कहीं भाजपा में भी राजेश अग्रवाल का विरोध जमकर हो रहा है अब देखने वाली बात यह है कि भाजपा कांग्रेस दोनों प्रत्याशियों पर विजय कौन हासिल कर प
पाता है.