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सरगुजा की बेहाल सड़कों पे जनता मरती है तो मरे? विधायक,मंत्री एवं विभागीय अधिकारी बने मूकदर्शक

Aug 3, 2025

सरगुजा समय अंबिकापुर:- एक पुरानी कहावत है कि  “भैंस के आगे बीन बजाए, भैंस खड़ी पगुराय” ठीक इसी कहावत के हिसाब से सरगुजा में विधायक मंत्री एवं सांसद की स्थिति निर्मित है। भैंस के आगे बिन बजाने वाले कहावत के तर्ज पर सरगुजा में शासन सत्ता में आसीन नेता मंत्री कार्य कर रहे है और आम नागरिकों की समस्याओं से अपनी दूरी बना रखे है।

एक आम नागरिक ने हमें इस कहावत की परिभाषा बताते हुए बताया की इस कहावत का मतलब होता हैं की किसी व्यक्ति या संस्था कों बार- बार किसी बात कों समझाने के बाद भी वह नहीं समझें और आपके समझाने का कोई जवाब ना दें तो वह कृत्य इस कहावत के अंतर्गत आता हैं. जब हमनें पूछा की इस कहावत ने सरगुजा के नेताओं, मंत्रीयों एवं सांसद की क्या भूमिका हैं तो उस आम नागरिक के द्वारा बड़े सज्जनता से समझाया गया की सरगुजा की बेहाल स्थिति एवं दुर्दशा से पुरे सरगुजावासी त्रस्त हैं. बार बार अपनी शिकात एवं बत्तर स्थिति का विरोध अलग -अलग तरीके से कर रहे हैं सरकार कों बार -बार समझाने की कोशिश आम नागरिकों द्वारा की जा रही हैं पर माननीय सम्मानीय मंत्री संत्री समझने कों तैयार नहीं इस लिए यह कहावत उन पर भी लागु होता हैं।

मिली जानकारी के अनुसार लगातार सरगुजा से उठने वाली मांग जिसमे सरगुजा का ही मुख्यमंत्री हो जो छत्तीसगढ़ में बैठे तो मुख्यमंत्री के कुर्सी पर लेकिन लगातार उपेक्षा का शिकार होते सरगुजा का भी चहुमुखी विकास कर सके परंतु सरगुजा की आम जनता लगातार इन चालक नेताओं के बहकावे में आ कर सरगुजा के विकास की गति में विराम लगवाने एवं सरगुजा को गर्त में डालने वालों का साथ गैरइरादतन तरीके से देने वाला कार्य कर डाला ।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सरगुजा में हर तरफ सड़क, पानी, नाली, स्वास्थ्य शिक्षा, खाद जैसी तमाम मामलों में त्राहि – त्राहि मचा हुआ है परन्तु किसी राजनेताओं एवं विधायक मंत्री सांसद को आम नागरिकों की समस्या से किसी प्रकार से कोई सरोकार ही नहीं है लगातार बेहाल सड़कों के कारण हो रही मौत से भी इन तमाम नेताओं की आंख खुलने को तैयार नहीं है।

शहर में आम नागरिकों के चर्चाओं में यह बात अत्यंत गंभीर रूप से कही जा रही है कि शहर के खस्ताहाल सड़कों में होने वाली मौत में राजनेताओं को अपनी राजनीति चमकाने का सुनहरा मौका मिल रहा है। आम नागरिकों के कहे अनुसार सरगुजा में विपक्ष के नेताओं के द्वारा मृतक के घर पहुंच कर मुआवजा की मांग की जाती है वहीं शासन सत्ता के पक्ष के जनप्रतिनिधियों के द्वारा मुआवजा की घोषणा कर सोशल मीडिया में वीडियो एवं पोस्ट कर जम कर वाहवाही एवं जयकारा लगवाने का कार्य बड़ा तीव्रता के साथ चल रहा है ऐसा शहर के चौक चौराहों में जम कर चर्चा आम नागरिकों के द्वारा किया जा रहा है ।

गांधी चौक में स्थित एक चाय की दुकान में सुबह – सुबह चर्चा का बाजार इस मुद्दा में गरम था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने सरगुजा के लिए क्या किया तो इसी बहस में किसी ने बताया कि सरगुजा के आम जनता को सरगुजा के नागरिकों के सुख सुविधाओं एवं सरगुजा के विकास की बात कहते – कहते स्वयं के मुख्यमंत्री मंत्री बनने का सपना पाले सरगुजा से तत्कालीन विधायक टी एस सिंह देव सरगुजा की जनता को अच्छे वोटों में साधने में सफल होते हुए 14 में से 14 विधानसभा सीट में जीत दर्ज करा डाली थी परन्तु स्वयं एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ढाई – ढाई साल के मुख्यमंत्री बनने के राजनीतिक जंजाल में फंस गए और सरगुजा के विकास का बंटाधार करा बैठे।

इसी क्रम में एक व्यक्ति ने बताया कि टी एस सिंह एवं भूपेश बघेल के CM -CM के खेल एवं विवाद में छत्तीसगढ़ का तो नुकसान हुआ ही साथ ही साथ सरगुजा की तमाम व्यवस्थाओं को गर्त में डाला गया एवं हर क्षेत्र में सरगुजा को विकास के नाम पर सिर्फ छला एवं सरगुजा का उपेक्षा किया गया ।

इस तरह की तमाम नाकामयाबी के कारण कांग्रेस की सरकार को छत्तीसगढ़ के शासन सत्ता से हाथ धोना पड़ा एवं सरगुजा की तमाम 14-14 विधान सीटों पर करारी हार का सामना करते हुए मुंह की खानी पड़ी एवं पटखनी देने वाली भाजपा पार्टी के तमाम सरगुजा के विधायकों के हौसले एवं पर सातवें आसमान में नजर आने लगे सरगुजा के तमाम विधायक एवं मंत्री की नजरें अब आसमान में ही टिकी रहती है इसी कारण से आम नागरिकों के सबसे महत्वपूर्ण समस्या जो कि शहर की सड़कों की दुर्गति होती नहीं दिख रही इस तरह की बात चाय ठेले पे बैठे एक आम नागरिक ने अपने मन का विकार प्रकट करते हुए बताया।

लगातार सरगुजा से मुख्यमंत्री की मांग कांग्रेस सरकार में तो पूरी नहीं हो पाई लेकिन भाजपा सरकार बनते ही सरगुजा से मुख्यमंत्री बनाया गया एवं छत की बाग डोर विष्णु देव साय को सौंप दिया गया उसके बाद भी सरगुजा में विकास की गति में रफ्तार नहीं पकड़ पाया बल्कि अब स्थिति यह है कि शहर की आम जनता चिल्ला चिल्ला कर माननीय सम्माननीय नेता मंत्रियों से अपने दुःख को बता रही है लगातार घटिया सड़कों के कारण होने वाले मौत पर आशु बहाते हुए सड़क बनवाने की मांग कर रही है पर नेता, विधायक एवं मंत्री, सांसद वही वाला कहवात चरितार्थ कर रहे है कि भैंस के आगे बिन बजाए भैंस ………?

मंत्री विधायक सांसद से भरे सरगुजा को इन नेताओं के माध्यम से सिर्फ और सिर्फ इनके एवं इनके प्रोटोकाल में चलने वाले वाहनों के धूल एवं कीचड़ के अलावा कुछ मिलता नहीं दिख रहा लगातार सरगुजा को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है और अभी भी हो रहा है ।

आज मनेंद्रगढ़ रोड में भारी गढ़ों में एक ई रिक्शा के पलट जाने से उस ई रिक्शा में बैठी महिला गम्भीर रूप से घायल हो गई लगभग रोजाना इस खराब सड़कों की वजहों से कई लोगों की जाने जा रही है तो कई लोगों को दुर्घटना का शिकार होना पड़ रहा है।

उसके बावजूद राजनेताओं को अपने क्रीच वाले स्टेटस एवं सोशल मीडिया में वाहवाही लूटने से फुरसत नहीं है जिससे आम नागरिकों के समस्याओं के बारे में सोच सके ।

इस तमाम खबरों में आम नागरिकों के द्वारा चौक चौराहों चाय ठेला पान ठेला में हो रही चर्चाओं के माध्यम से खबर लिखा गया है ।

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