सरगुजा समय अंबिकापुर :- एक पुरानी कहावत हैं की सौ चूहें खा कर बिल्ली हज कों चली ठीक इसी प्रकार का हाल सरगुजा पुलिस लाईन निरिक्षक एवं बहुशाखा के साथ – साथ यातायात प्रभारी जी का हैं इनके कार्यकाल के समय की ही अगर बात कर लें पुलिस लाईन में MTO शाखा से तमाम प्रकार के अधिकारीयों एवं नेता – मंत्रीयों के क़ाफ़िलो एवं प्रोटोकाल जैसे कई अन्य ड्यूटी में 4 चक्का वाहन कों प्राइवेट संस्थानों से अधग्रहित किया जाता है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार MTO शाखा में अगर महीने में 100 वाहनों की जरुरत पड़ती है तों लगभग – लगभग 90 वाहन प्राइवेट वाहन एवं प्राइवेट नंबर वाले वाहन दिखेंगे जिसका RTO में वाहन का रजिस्ट्रेशन निजी उपयोग के लिए होना बताया गया है परन्तु नियम विरुद्ध तरीके से MTO शाखा में अधिकांश वाहन कों हायर कर भुगतान किया जा रहा है इस तरह का खेल लम्बे समय से सम्बंधित विभाग में चल रहा है और इस खेल का मास्टरमाइंड विभाग में लम्बे समय से दलाली कर रहे के एक खास व्यक्ति के इसारे पर होना माना जा सकता है जिसके कारण और भ्रस्ट अधिकारी ही शासन कों करोड़ों रूपए की आर्थिक रूप से गंभीर छती पंहुचाते हुए निजी लाभ साधने में व्यस्त है।
सरगुजा में जिन लेडी सिंघम की बात की जा रही है वह पुलिस लाईन निरिक्षक के साथ साथ कई अन्य प्रभावशाली एवं मलाईदार कुर्सी फेकिकोल के जोड़ के सामान दिखती नजर आ जाती है।
पुलिस लाईन के MTO शाखा में 4 चक्का वाहनों कों तमाम नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए MTO शाखा में हायर किया जा रहा है और कमर्शियल वाहन की तरफ से एकदम मुँह फेर रखा है। तमाम प्रकार से नियमों की धज्जियाँ उड़ाने वाली लेडी सिंघम शासन के नियमों का खुद पालन नहीं कर रही है और आम जनता के ऊपर नियम के पालन करने का बात कह रही है।
नेताओं के काफिले में चलने वाले वाहनों की संख्या प्रतिमाह सैकड़ों की संख्या में रहती हैं परन्तु मजाल हैं की सैकड़ो की संख्या वाले वाहनों में टैक्सी नंबर के वाहन दिख जाए हर थाना में प्राइवेट नंबर की गाड़ीया धड़ल्ले से चल रही हैं VIP ड्यूटी से लेकर थाना, थाना प्रभारी यहाँ तक की खुद इनके प्रभार वाले यातायात थाना में बिंदास रूप से तमाम नियमों की धज्जिया उड़ाते हुए प्राइवेट नंबर की गाड़िया चलवा रही हैं और शासन के करोड़ों रूपए का बंदर बाट पुलिस लाईन में वाहन लगवाने वाले एक नामचीन दलाल के इसारे में जम कर चल रहा हैं।
विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बता दें की जिस विभाग में अपने आपको कड़े मेहनत एवं लगन के साथ काम करने का हल्ला बोला जाता हैं उसी विभाग में जहाँ की मुखिया स्वयं यही हैं जो नियमों की यातायात व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ाने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की बात कहते हुए जम कर झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही हैं परन्तु स्वयं नियम विरुद्ध तरीके प्राइवेट नंबर वाली सैकड़ों वाहनों की कतार लगा रखी हैं।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी भी शासकीय संस्थान में वाहन लगाने के लिए वाहन का टैक्सी परमिट होना जरुरी हैं उसके बाद ही सम्बंधित विभाग उस टैक्सी वाहन का भुगतान कर सकता हैं परन्तु यहाँ लेडी सिंघम के यहाँ तमाम नियमों कों ताक में रखते हुए एक वाहन लगवाने वाले नामचीन दलाल के इसारे पर प्राइवेट नंबर की वाहनों की भरमार कर रखी हैं अब इन समस्त वाहनों का भुगतान किस हिसाब से होता हैं यह तों लेडी सिंघम ही समझ सकती हैं और आला अफसर इन लेडी सिंघम के कारनामो की जाँच करवा सकते हैं की कैसे नियम विरुद्ध वाहनों कों लगवा कर करोड़ों रूपए का बंदरबाट किया जा रहा हैं।
आला अफसर कों चाहिए की विशेष रूप से एक बार लेडी सिंघम के कार्यकाल में हुए विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में लगाए गए 4 चक्का वाहनों एवं उनके भुगतान की उच्चस्तरीय जाँच करवाने की भी आवश्यकता हैं जिससे आम जनता कों यह समझ आ सके की खुद नियमों की धज्जियाँ कों तार – तार करते हुए करोड़ों रूपए का बंदरबाट करने वाले कैसे नियमानुसार निःस्वार्थ कार्य कर सकते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बता दें की पुलिस लाईन के MTO शाखा में एक दलाल रूपी व्यक्ति का भरपूर बोलबाला है जिसके कमीशन के आगे अच्छे अच्छे ईमानदारी की डिंग भाजने वाले अधिकारी की ईमानदारी घुटने टेक देती है और कमीशन के रूप में मिलने वाले कई लाख रुपयों कों बड़े आसानी से पचा कर नियम विरुद्ध तरीके से वाहन कों अधिग्रहित किया जाता है सबसे महत्वपूर्ण बात है की VVIP, VIP जैसे कई महत्वपूर्ण अधिकारी नेता मंत्री के सर हमेशा घटना दुर्घटना होने का मामला बना रहता है क्योंकि विभाग में लम्बे समय से दलाली करके एवं सम्बंधित अधिकारीयों कों कमीशन की मोटी रकम मुँह में ठूस कर नियम विरुद्ध वाहन एवं अकुशल ड्राइवर कों वाहन दें दिया जाता है।
खैर प्राइवेट और टैक्सी नंबर वाले वाहन में एक छोटा सा उदाहरण दें देते हैं की लेडी सिंघम के द्वारा जिस सड़क पर चलानी कार्यवाही किया जा रहा था वहीं इनके सामने नियमों की धज्जियाँ उड़ाने वाली बात इनके विभाग में ही हो रही हैं जो बुलेरो वाहन क्रमांक CG-13 AW 8542 खड़ी हैं उसमे इनके सामने ही नियमों की धज्जियाँ इनके प्रभार वाले थाना के वाहन के द्वारा उड़ाई जा रही हैं प्राइवेट नंबर के वाहन में पुलिस की लाल नीली बत्ती किसके आदेश से लगाई गई हैं जबकि हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट का भी सख्त आदेश हैं की किसी भी निजी वाहन में पुलिस एवं लाल नीली बत्ती नहीं लगाना हैं परन्तु करें तों क्या- करें तमाम नियम क़ानून कों लेडी सिंघम अपने जूते की नोक पर रखते हुए तमाम नियमों की धज्जियाँ उड़ाना रही है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस सड़क में लेडी सिंघम के द्वारा लगभग 73 वाहनों पर 122450 रूपए की चलानी कार्यवाही की गई उसमे कई वाहनों में मेहरबानी दिखाते हुए छोड़ भी दिया गया अब उन कई वाहनों कों छोड़ने के पीछे का राज क्या है यह तों सम्बंधित प्रभारी ही जान सकते है या भगवान।
खैर कमर्शियल वाहन के स्थान पर निजी उपयोग में लाये जाने वाले प्राइवेट रजिस्ट्रेशन वाले वाहन का भुगतान अब कैसे हो रहा हैं इसका जाँच तों पुलिस महकमे के आला अफसर सरगुजा पुलिस निरिक्षक एवं पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा संभाग कों करने की जरुरत है।
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