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राहुल गाँधी के भारत जोड़ों यात्रा से वंचित पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत IT के छापे से इनके करीबियों ने इनके परछाई से भी बना ली दूरियां…

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सरगुजा समय अंबिकापुर

बहुत पुरानी और बहुत ही चर्चित एक गाना हैं की सुख के सब साथी दुःख में ना कोय बस यही वाक्य को अमरजीत भगत के साथ हो रहे व्यवहार को चरितार्थ करता हैं सरगुजा अंबिकापुर में राहुल गाँधी के भारत जोड़ों यात्रा की जोर सोर से तैयारी के साथ आज कला केंद्र मैदान में सभा आयोजित हैं पूरा शहर कांग्रेस पार्टी के बड़े- बड़े बैनर पोस्टर से पटा पड़ा हैं परन्तु उन समस्त बैनर पोस्टर से अमरजीत भगत गायब हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दे की जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी तो अमरजीत को सरगुजा का CM ही माना जाता था बताया जाता हैं की सरगुजा में अमरजीत के इशारे एवं उनके मान मुताबिक हर कार्य किये जाते थे आम जनता के द्वारा चौक चौराहों पर यह चर्चा आम रहती थी की अंबिकापुर के पूर्व विधायक टी एस सिँह देव के कद को छोटा करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पूरा पूरा आशीर्वाद भगत को प्राप्त था जिसके चलते अमरजीत भगत की तुत्ती बोलती थी.

लेकिन एक कहावत हैं ना की समय से बड़ा बलवान कोई नहीं हैं जिस अमरजीत भगत के द्वारा एसपी, आईजी, कमिश्नर तक को महत्व नहीं दिए जाता था सब इनके इशारे पर ही चलते थे वहीं शासन सत्ता चले जाने के बाद इनकी सारी राजनीतिक गर्मी उतर गई और IT के छापे में बड़े आला अफसर से लेकर सिपाही रेंक वालों ने भी पूर्व मंत्री भगत को आँख दिखाने से पीछे नहीं हटे मतलब की उस वक्त भगत के मन की बात की जाये तो उनकी हालत ठीक उसी तरह मानी जा सकती हैं की मेरी बिल्ली मेरे से ही म्याऊ.

छत्तीसगढ़ में अमरजीत भगत के लागातार बढ़ते राजनीतिक कैरियर एवं कद से इनके करबियों ने जम कर लाभ उठाया जिस कदर IT की टीम ने छापे के बाद जानकारी कर रही हैं की भगत के पास से ढाई करोड़ की ज्वेलरी एवं इनके करीबियों के पास लगभग 13 करोड़ रूपए का वारा न्यारा जमीन खरीदी बिक्री के माध्यम से किया गया हैं मतलब इनके करीबियों ने पूर्व मंत्री भगत के संरक्षण में जम कर जमीन दलाली की हैं और जिस हिसाब से IT की टीम का बयान आप रहा हैं उससे यह माना जा सकता हैं की इन तमाम भू माफियाओं का सरताज बादशाह अमरीज भगत ही हैं जिनके देख रेख में बड़े आराम से इनके दलाल फलते फूलते रहे और कई एकड़ सरकारी जमीन को भी बड़े आसानी से बेच डाला और कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति.

आपने एक कहावत सुना होगा की समय की आंधी में राजा को रंक और रंक को राजा बनने में समय नहीं लगता हैं इसी लिए कहा हैं की अगर आपका समय आपका साथ दे रहा हैं तो उस समय का अनादर ना करें नहीं तो विपरीत समय में आपको अर्श से फर्श में पहुंचने में समय नहीं लगेगा शासन सत्ता में रहते हुए अमरजीत भगत के परछाई का भी चरण वंदन करने वाले उनके दलाल अब उनके परछाई को भी देखना नहीं चाह रहे.

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