छत्तीसगढ़

मासूम बच्चों की कल्पनाशीलता को आधुनिक पंख देने आंगनवाड़ी केंद्रों में कराया बाला पेंटिंग

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पीईकेबी खदान के ग्रामों में सुदृढ़ ढ़ांचागत विकास में अग्रसर अदाणी फाउंडेशन !

अंबिकापुर : जिले के उदयपुर ब्लॉक में स्थित आगंनवाड़ी केंद्रों में अदाणी फाउंडेशन द्वारा बाला पेंटिंग की पहल की गई है। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के सामाजिक सहभागिता के तहत परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी) कोयला खदान के प्रभावित ग्राम साल्ही के दो केंद्रों इमलीपारा व खासपारा, हरिहरपुर के एक और घाटबर्रा के खम्हारपारा सहित कुल चार आंगनवाड़ी केन्द्रों में बाला पेंटिंग कराया गया। दिसंबर 2023 से जनवरी 2024 के मध्य इन आंगनवाड़ी केंद्रो में कराए गए बाला पेंटिंग से वहां पर पढ़ने वाले मासूम बच्चों के कलात्मक कौशल के साथ-साथ उनकी कल्पनाशीलता को आधुनिक उड़ान भी प्रदान करता है।

रचनात्मकता और संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा

बाला पेंटिंग, बिल्डिंग इज लर्निंग का एक संक्षिप्त रूप है जो की उसके आंगनवाड़ी केंद्रों के सौंदर्य संवर्धन की प्रक्रिया भी है। यह पेंटिंग आंगनवाड़ी में पढ़ रहे बच्चों के प्रभावशाली दिमाग में रचनात्मकता (Creativity) और संज्ञानात्मक (cognitive) विकास को बढ़ावा देने हेतु एक गतिशील माध्यम के रूप में कार्य करता है। इसमें उकेरी गई जीवंत और आकर्षक कलाकृतियां न केवल भौतिक स्थान को बदलती है, बल्कि जानकारी संप्रेषित करने के लिए एक इंटरैक्टिव उपकरण के रूप में भी कार्य करती है।

अदाणी फाउंडेशन का यह प्रयास बच्चों की अलग सोच का है चित्रफलक (canvas)

आंगनवाड़ी केंद्रों की बचपन में मिलने वाली प्रारंभिक शिक्षा पर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अदाणी फाउंडेशन द्वारा इन केंद्रों के जीर्णोद्धार के लिए करायी जा रही बाला पेंटिंग वहां पढ़ने वाले मासूम बच्चों की कलात्मकता (artistry) और नवाचार (Innovation) हेतु एक परिवर्तनकारी पहल है। साथ ही यह पीईकेबी कोयला खदान क्षेत्र के ग्रामों में एक सुदृढ़ सामुदायिक बुनियादी ढांचे के विकास का द्योतक है।

अनुरोध से वास्तविकता तक

अदाणी फाउंडेशन को संबंधित पंचायतों से मिले अनुरोध पत्रों में जर्जर हो चुके आंगनवाड़ी केंद्रों के नवीनीकरण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। जिसको संज्ञान में लेते हुए फाउंडेशन द्वारा सीएसआर की गतिविधियों के दायरे में बाला पेंटिंग के कार्य को गति प्रदान की गई। और नतीजतन केवल दो महीने में ही इन जर्जर भवनों को जीर्णोद्धार और पेंटिंग कराकर सुंदर बनाया गया है। अदाणी फाउंडेशन द्वारा करायी गई बाला पेंटिंग की यह पहल मासूमों के विकसित हो रहे बुद्धिमता की क्षमता को पोषित करने में सहयोगात्मक प्रयासों की शक्ति के प्रमाण के रूप में खड़ी है। आंगनवाड़ी केंद्रों को सीखने और रचनात्मकता के जीवंत स्थानों में परिवर्तित करके, यह परियोजना इन समुदायों के बच्चों के लिए एक उज्जवल और अधिक आकर्षक शैक्षिक अनुभव में विशेष योगदान प्रदान करती है और अब समग्र शिक्षा और विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने में भी सक्षम है।

उल्लेखनीय है कि इसके साथ ही अदाणी फाउंडेशन की सामाजिक सहभागिता की प्रतिबद्धता के अनुरूप क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका उन्नयन और अधोसंचना विकास के कार्यक्रम एक मजबूत और टिकाऊ सामुदायिक विकास के उद्देश्य से संचालित की जा रही है। जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में आसपास के विभिन्न शासकीय स्कूलों के जीर्णोद्धार के साथ – साथ अतिरिक्त कमरों का निर्माण भी शामिल है। इसके अलावा इस सुदूर आदिवासी अंचल में मेधावी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा मण्डल की आधुनिक और स्मार्ट शिक्षा पद्धति का स्कूल भी चलाया जा रहा है। यहाँ पढ़ने वाले 800 से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ – साथ आवश्यक सभी शैक्षिणिक सामग्रीयां, स्कूल बस सेवा सहित पौष्टिक भोजन और नाश्ता निःशुल्क दिया जाता है।

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