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शिकारियों द्वारा शिकार करने के लिए लगाए गए तार में फसे 3 भालू, डॉक्टर अजीत पाण्डेय ने ट्रेंकुलाइज कर भालू को किया बेहोस तब जा कर काबू में आये भालू….




सरगुजा समय अंबिकापुर – अंबिकापुर से लगे उदयपुर क्षेत्र में खोंधला पहाड़ में शिकारियों द्वारा शिकार कराने के लिए लगाए गए तार में फंसे 3 भालू गए थे जिसमे 01 भालू स्वयं के मेहनत से बच गया लेकिन दो भालू तार में फसे हुए थे पहले तार से छूटने वाले भालू के दौड़ से वन कर्मियों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई थी.

छूटे हुए भालू के दौड़ाने से 4 वनकर्मी सहित 8 लोग हुए घायल हों गए जिसके बाद भालुओ को तार से छुड़ाने से पहले उन्हें बेहोश करने का निर्णय लिया गया उसके बाद इस काम में महारथ हासिल करने वाले डॉक्टर अजीत पाण्डेय को ट्रेंकुलाइज करने बुलाया गया जिके बाद डॉक्टर अजीत पाण्डेय खोंधला पहाड़ पर SDO विजेंद्र सिंह ठाकुर, रेंजर सपना मुखर्जी के साथ मौके पर दल बल के साथ पहुचे जिसके बाद अजीत पाण्डेय के द्वारा भालू को ट्रेंकुलाइज किया उसके बाद दो भालू को तार से छुड़ाया गया.

परिक्षेत्र सहायक शशिकांत की साहसिक कारनामे से सुरक्षित बचे वनकर्मी और ग्रामीण पहाड़ पर काफी संख्या में मौजूद लोग थे अक्सर जंगली सुवर को मारने इस तरह के तार का उपयोग करते हैं शिकारी.



सरगुजा जिले के उदयपुर वन परीक्षेत्र एक मादा भालू सहित दो भालू के शावक तार में फंसने होने की सूचना पर मौके पर पहुंची उदयपुर वन विभाग की टीम. दरअसल उदयपुर वन परीक्षेत्र के खोन्दला पहाड़ में शिकारियों द्वारा लगाए गए तार में तीन भालू फ़सने की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. इ

स दौरान आसपास क्षेत्र के ग्रामीण भी भालू को देखने के लिए पहुंचे. जिसके बाद मादा भालू तार में फंसे होने के कुछ देर बाद ही निकल गई. लेकिन दो भालू  शिकारियों द्वारा लगाए गए तार में ही फंसे रह गए. जिसके बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की ट्रेंकुलाइज टीम ने बेहोश कर भालू के शावक को बाहर निकाला गया. लेकिन एक भालू का शावक तार से निकलने की जद्दोजहद के दौरान उसकी मौत हो गई.

इधर वन विभाग की टीम के सामने शावक का पोस्टमार्टम डॉक्टर ने किया उसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया है साथ ही वन विभाग की टीम के द्वारा जानकारी जांच की जा रही है कि किसके द्वारा जंगल में शिकार करने के लिए तार बिछाया गया था. उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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