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संघ प्रमुख मोहन भागवत पहुंचे छत्तीसगढ़, जनजातीय गौरव दिवस महारैली को दिखाएंगे हरी झंडी

जशपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास पर रविवार की शाम जशपुर पहुंचे। वे शहर स्थित वनवासी कल्याण आश्रम के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय में रात्रि विश्राम करेंगे।

बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर करेंगे माल्यार्पण

मोहन भागवत सोमवार को आदिवासी गौरव दिवस के अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर महारैली को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके बाद अपराह्न दो बजे भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की आदम कद प्रतिमा का अनावरण कर आम सभा को संबोधित करेंगे। कल्याण आश्रम में उनका रात्रि विश्राम होगा। मंगलवार की सुबह नौ बजे वह अंबिकापुर के लिए रवाना होंगे। यहां संघ प्रमुख मोहन भागवत पथ संचलन का नेतृत्व करेंगे।

विदेशी आक्रांताओं के चलते रुक गया था आयुर्वेद का प्रसार

 

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि विदेशी आक्रांताओं के के कारण आयुर्वेद का प्रसार रुक गया था, लेकिन अब उपचार की इस प्राचीन पद्धति को फिर से मान्यता मिल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आयुर्वेद को वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। भागवत ने ये बातें आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, आयुर्वेद पर्व में कहीं। आयुष में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी शामिल हैं। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

आयुर्वेद का उपयोग किया जाना चाहिए

भागवत ने कहा, ‘लोगों के बीच आयुर्वेद का प्रसार विदेशियों के आक्रमण के चलते रुक गया था, लेकिन आयुर्वेद को फिर से मान्यता मिल रही है। समय आ गया है कि आयुर्वेद के ज्ञान का प्रसार किया जाए।’ उन्होंने कहा, आयुर्वेद का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिले। सोनोवाल ने कहा कि पिछले सात वर्षों से आयुर्वेद को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘2014 तक आयुष उद्योग का बाजार तीन अरब डालर का था. लेकिन पिछले आठ वर्षों में वैश्विक स्तर पर बढ़ कर यह 18.1 अरब डालर का हो गया है और 2023 तक इसके बढ़ कर 23 अरब डालर का बाजार हो जाने की संभावना है।’

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