
नई दिल्ली। यूपी की सत्ता में एक बार फिर बीजेपी की वापसी हो चुकी है, बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दोबारा ताजपोशी होगी। योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ में कैबिनेट मीटिंग की और उसके बाद गवर्नर आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि, अभी तक शपथ ग्रहण की डेट तय नहीं हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, सीएम योगी जल्द ही पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद शपथ ग्रहण की तारीख तय की जाएगी। यूपी में दोबारा सरकार बनाने के बाद योगी आदित्यनाथ के सामने कई सारी चुनौतियां होंगी। इन चुनौतियों से निपट पाना सीएम योगी के लिए काफी मुश्किलों भरा माना जा रहा है।
बता दें कि, बीजेपी ने यूपी में जनता का समर्थन हासिल करने के लिए अपने चुनावी घोषणा पत्र में कुल 130 वादे किए थे। हालांकि, बीजेपी ने इसे वादा गारंटी के बजाय संकल्प बताया था। जिनमें से एक उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को होली तक मुफ्त गैस सिलेंडर देने का वादा है। लेकिन अब सरकार के लिए यह वादा निभाना मुश्किल हो सकता है। गौरतलब है कि, एक घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 937.50 रुपये है। अब योगी सरकार को इस वादे को पूरा करने के लिए करीब 1400 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। नई सरकार का गठन होती ही इतनी जल्दी इतनी बड़ी रकम खर्च करना योगी सरकार के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। उज्ज्वला गैस योजना के अलावा बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में कई और योजनाओं का जिक्र किया था जिनसे अब राज्य सरकार पर बोढ़ बढ़ता नजर आ रहा है।
बीजेपी के वादों में क्या-क्या शामिल
समृद्ध कृषि के लिए सभी किसानों को अगले 5 साल तक सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना।
60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को मुफ्त सार्वजनिक परिवहन मुहैया कराना।
वरिष्ठ नागरिकों, विकलांगों, विधवाओं और बेघर महिलाओं की पेंशन को बढ़ाकर 1500 रुपये करना।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता को 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करना।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह अनुदान योजना के तहत एक लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान करना।
गन्ना किसानों को 14 दिनों के भीतर गन्ने का मूल्य भुगतान करना।