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NSE Scam: सीबीआई का बड़ा खुलासा- आनंद सुब्रमण्यम ने बनाई थी ‘अज्ञात योगी’ वाली ई-मेल आईडी

NSE घोटाले के मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे वैसे बड़े खुलासे हो रहे हैं। सीबीआई ने अब दावा किया है कि एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामाकृष्णा जिस ‘हिमालय के अज्ञात योगी’ से ईमेल के जरिए बात करती थीं वो ईमेल खुद ग्रुप ऑपरेटिेंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम ने ही बनाया था। इससे पहले एनएसई के फॉरेंसिक ऑडिट में आनंद सुब्रमण्यम को ही अज्ञात योगी बताया गया था। इन खुलासों से स्पष्ट होनी लगा है कि इस पूरे मामले में आनंद सुब्रमण्यम ने एनएसई के पूर्व सीईओ को मूर्ख बनाया है। हालांकि, सेबी ने अपनी रिपोर्ट में आनंद सुब्रमण्यम के ‘योगी’ होने के दावे को खारिज कर दिया है।

आनंद सुब्रमण्यम ही “हिमालयी योगी” हैं
दरअसल, शुक्रवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने को-लोकेशन मामले में एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम की जमानत अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि आनंद सुब्रमण्यम ही “हिमालयी योगी” बनकर पूर्व एमडी चित्रा रामकृष्ण के निर्णयों को प्रभावित कर रहे थे।

24 मार्च को फैसला सुनाएगा कोर्ट
बता दें कि सुब्रमण्यम रामकृष्ण के सलाहकार थे जो इस मामले में गिरफ्तार हुए हैं। वर्तमान में पुलिस रिमांड पर हैं। अदालत ने पहले सुब्रमण्यम को 12 दिन की पुलिस हिरासत के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। स्पेशल जज संजीव अग्रवाल 2018 में सुब्रमण्यम द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। इसपर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा है कि कोर्ट 24 मार्च को अपना आदेश सुनाएगा।
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चार सालों तक योगी बनकर रहे सुब्रमण्यम
आगे की रिमांड के लिए सीबीआई ने कोर्ट में कई तर्क दिए। सीबीआई का मानना है कि सुब्रमण्यम की कोई भी विदेश यात्रा अभी उचित नहीं है वो भाग सकते हैं। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि सुब्रमण्यम चार साल तक योगी बनकर रहा, लेकिन अलग पहचान के साथ ताकि उसे कोई पहचान न सके। वो उस योगी के नाम से ईमेल आईडी चला रहा था।

सुब्रमण्यम के वकील ने सेबी की रिपोर्ट का दिया हवाला
सुब्रमण्यम के वकील अर्शदीप ने अदालत को बताया कि यह घोटाला 2010 और 2014 के बीच हुआ था और सुब्रमण्यम एनएसई से 2013 में जुड़े थे। उनके वकीलों ने अदालत को यह भी बताया कि सेबी की दो आंतरिक जांच में उनके मुवक्किल के खिलाफ इस मामले में कुछ भी नहीं मिला है।

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