
मॉस्को/न्यूयॉर्क। रूस ने आखिरकार यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का एलान कर दिया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन की सेना को हथियार डालने की चेतावनी दे दी है। इससे यूक्रेन संकट और गहरा गया है। वहीं, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में संरा के महासचिव एंतोनियो गुतेरास ने पुतिन से अपील की है कि वो यूक्रेन के खिलाफ युद्ध न करें और अपनी सेना को वापस बुला लें।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आशंका जताई थी कि रूस अगले 48 घंटे में यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू कर सकता है। यूक्रेन सरकार ने कहा था कि रूस ने उसकी सीमा पर जवानों की संख्या बढ़ाकर 2 लाख कर दी है। वहीं, हालात गंभीर देखकर यूक्रेन ने अपनी वायुसीमा बंद करते हुए सभी एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही रोक दी है। दूसरी तरफ, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन अपने रुख पर अड़े हुए हैं। जबकि, अमेरिका ने कहा है कि अब पुतिन और उनकी सरकार के बड़े ओहदों पर मौजूद लोगों पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे। बता दें कि रूस ने यूक्रेन की सीमा और बेलारूस में सैन्य अभ्यास के बहाने बड़ी तादाद में अपने सैनिक और हथियार इकट्ठा किए हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमोर जेलिंस्की ने इस बीच यूरोप को आगाह किया है कि इस वक्त अगर उन्होंने संकट पर आंखें मूंदकर रखीं, तो आने वाले समय में उन्हें भी रूस से बड़ा खतरा होगा। यूरोपीय देशों में से ज्यादातर ने हालांकि कहा है कि रूस को संकट टालते हुए यूक्रेन की सीमा से अपने सैनिक हटाने चाहिए, लेकिन ऑस्ट्रिया जैसे देश ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का विरोध किया है। ऑस्ट्रिया का कहना है कि प्रतिबंध से इस समस्या का हल नहीं निकल पाएगा। बता दें कि फ्रांस और जर्मनी ने यूरोपीय यूनियन से रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है।