
प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर उन लोगों के लिए घातक साबित हो रही है, जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित रहे हैं। डायबिटीज, किडनी, थाइराइड, ट्रांसप्लांट, कैंसर सहित अन्य बीमारी वाले मरीज चपेट में जल्दी आए और कुछ की मौत हो गई। पिछले 26 दिन में प्रदेश में कोरोना से 179 मौतें हुईं।
इनमें 142 ऐसे हैं जो पहले से किसी न किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। 37 मौतें केवल कोरोना की वजह से हुई हैं। जनवरी के अंतिम सप्ताह को तीसरी लहर का पीक माना जा रहा है, इसी दरमियान यानी 21 से 27 जनवरी के बीच अब तक 93 मौतें हो चुकी हैं। कोरोना की तीसरी लहर अप्रैल-2021 में आई दूसरी लहर की तुलना में अब तक कम घातक रही है। इसके बावजूद जनवरी के 26 दिनों में हुई मौतें के आंकड़ें डराने वाले हैं।तीसरी लहर में कोरोना से मरने वाले ज्यादातर मरीज किसी ना किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है बीमारी की वजह से मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती होती है। ऐसी स्थिति में कोरोना के वायरस मरीजों को जल्दी संक्रमित करते हैं और इम्यूनिटी इतनी कमजोर हो जाती है कि उन्हें रिकवर होने का मौका ही नहीं मिलता।
रायपुर और दुर्ग में ज्यादा मौतें इस कारण
1 से 27 जनवरी के बीच सबसे ज्यादा रायपुर में 43 व दुर्ग में 31 मरीजों की कोरोना से मौत हुई है। इसके अलावा समेत प्रदेश के लगभग आधा दर्जन जिलों में ही कोरोना के मरीजों की संख्या ज्यादा रही है और इन्हीं जिलों में मौतें भी ज्यादा हुई हैं। जानकारों का कहना है कि मेडिकल फेसिलिटी की वजह से प्रदेशभर से मरीज इलाज के लिए इन दोनों जिलों में ही अलग-अलग जिलों से मरीज आते हैं। दूसरे जिलों से आने वाले मरीजों की मौत होने पर उन्हें रायपुर के आंकड़ों में ही शामिल कर लिया जाता है।